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तेरापंथ का राजस्थानी को अवदान
बतावणरी चेष्टा की है। आज राजस्थानी नांव सू राज्य रा रहवासी अपणी अपणी बोली रा हिमायती बण'र अलगा होवण री बात करै जद के तेरापंथी राजस्थानी-साहित्य मांय इण भासा रो इसो रूप साफ निजर आवै जिको आखै राज्य री भासा बणी रही और भले वन सके ।
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