Book Title: Sthananga Sutra Part 01
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

Previous | Next

Page 10
________________ [9] १४४ . .१४७ मद विषय __ पृष्ठ| विषय . पृष्ठ पल्योपम और सागरोपम काल १२४ योग-करण-भेद क्रोध आदि पापों के दो रूप १२५ अल्पायु दीर्घायु के तीन कारण १४६-४७ सिद्ध एवं असिद्ध जीव • १२६ / अशुभायु और शुभायु बन्ध के कारण १४६-४७ बाल-मरण, पण्डित-मरण १२६-१२९ गुप्ति और दण्ड भेद लोक एवं लौकिक पदार्थ १३० | गर्दा-विश्लेषण बोधि और बोध, मोह एवं मूढ़ १३० |अनेक दृष्टियों से पुरुष-भेद १५०-१५१ आठ कर्मों की द्विविधता . १३०-१३१ मत्स्यों और पक्षियों के रूप १५१-१५२ मूर्छा और उसके रूप १३३ स्त्री-पुरुष और नपुंसक भेद १५२-१५३ दो प्रकार की आराधना १३३ | तिर्यंच जीवों के रूप . १५३ तीर्थङ्करों के अनुपम रूप का वर्णन १३४ लेश्या-दृष्टि से जीव-भेद - १५४ सत्यप्रवाद पूर्व की दो वस्तु १३४ | तारा-चलन और देवों के शब्दादि , १५५ दो तारों वाले नक्षत्र -१३४ प्रकाश, अन्धकार एवं लवण और कालोद समुद्र . १३५ देव आगमन आदि के कारण सुभूम और ब्रह्मदत्त का नरकावास १३५/तीन का प्रत्युपकार दुःशक्य १५९-१६० देवों की स्थिति १३६ उत्तम मध्यम और जघन्य काल . १६१ कल्प-स्त्रियाँ १३६-३७ पुद्गल-क्रिया, उपधि और परिग्रह १६१ कल्पों में तेजोलेश्या वाले देव १३६-१३७ / सुप्रणिधान और दुष्प्रणिधान १६२-१६३ देव-परिचारणा | योनि-भेद अशुभ कर्म-पुद्गल १३६-१३७ वनस्पति जीव . .. . १६५ पुद्गल-स्कन्धों की अनन्तता। कालस्थिति तथा उत्तम पुरुष १६६-१६७ तैजस्कायिक, वायुकायिक जीवों का आयु १६८ तृतीय स्थान : प्रथम उद्देशक । धान्यबीजों का स्थिति-काल १६८-६९ तीन इंन्द्र __ १३९-१४० नारकियों का स्थिति-काल विकुर्वणा के तीन भेद १४१ नरकों में उष्ण-वेदना तीन प्रकार के नैरयिक १४१ लोक में तीन स्थान समान १६९ देव-परिचारणा १४३ स्वाभाविक रसवाले तीन समुद्र १६९ तीन प्रकार का मैथुन १४३ | सातवीं नरक, सर्वार्थसिद्ध के अधिकारी १७१ १५६-१५७ १३६-१ १३७ १६९ समान Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 ... 474