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४६ : श्रमण, वर्ष ६१, अंक ३ / जुलाई-सितम्बर-१०
२. जैन बलभद्र, भारत के दिगम्बर जैन तीर्थ (प्रथम भाग), मुम्बई, १९७४, पृ० शार १११-१३४.
३. विविध तीर्थकल्प (जिनप्रभसूरि कृत), सम्पादक-जिन विजय, सिंघी जैन हि ग्रन्थमाला, ग्रन्थांक - १०, शान्ति निकेतन (बंगाल), १९३४, पृ० ७४. ४. सिन्हा, शान्ति स्वरूप- “सिग्निफिकेन्स ऑफ सारनाथ इन जैन ट्रैडिशन ऐण्ड
आर्ट", जैन कन्ट्रीब्यूशन टू वाराणसी, सम्पादक- आर० सी० शर्मा एवं घोषाल, वाराणसी, २००६, पृ०४९-६७ ५. साहनी दयाराम, कैटलाग ऑफ दि म्यूजियम ऑफ आर्कियोलाजी ऐट सारनाथ,
कोलकाता, १९१४, पृ०१६४ एवं ३२७-३२८. ६. तिवारी, मारुतिनन्दन- जैन प्रतिमाविज्ञान, पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी,
१९८१, पृ०३०-३१ ७. जैन ललित चन्द्र- वाराणसी जैन तीर्थ दर्शन, वाराणसी, १९९७, पृ०१५ ८. विविध तीर्थकल्प, पृ०७४ ९. तिलोयपण्णत्ति, १४/५३६ १०. उत्तर पुराण, ५७/३२-५८ ११. त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र-४/१/८६ १२. सिन्हा शान्ति स्वरूप, पू०नि० पृ०६७
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१. श्रीवत्स-त्रिरत्न शिलापट्ट, गुप्तोत्तर काल, पुरातत्त्व संग्रहालय, सारनाथ
(क्रमांक सं० ३८०)