Book Title: Sramana 2010 07
Author(s): Ashok Kumar Singh, Shreeprakash Pandey
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 125
________________ १२४ : श्रमण, वर्ष ६१, अंक ३ / जुलाई-सितम्बर-१० अन्तःराष्ट्रीय भगवान् वासुपूज्य जैन दर्शन निबन्ध प्रतियोगिता, २०१० अन्तःराष्ट्रीय भगवान् वासुपूज्य जैन निबन्ध प्रतियोगिता, वर्ष २०१० का आयोजन विधि विद्यापीठ में किया जा रहा है। यह 'अहिंसा से ही विश्व शान्ति संभव है' नामक विषय पर आधारित है। प्रतियोगिता में भाग लेने के इच्छुक प्रतिभागी निम्न पते पर सम्पर्क करें निदेशक विधि विद्यापीठ-अमित जैन, एडवोकेट ५, प्रेरणा काम्पलैक्स, पी.एल. शर्मा रोड, मेरठ-२५०००१, मो. ०९७१९९३०७० मुनिश्री तरुणसागर के कड़वे प्रवचन, भाग-६ का लोकार्पण क्रान्तिकारी संत के नाम से विख्यात जैन मुनि श्री तरुणसागरजी म. आजकल भोपाल में चातुर्मास कर रहे हैं। पिछले दिनों दशहरा मैदान में १ से ११ अगस्त के बीच उनके प्रवचनों की विशेष शृंखला चली। अपने कड़वे वचनों के लिये चर्चित जैन मुनिश्री तरुणसागरजी ऐसे संत हैं जो प्रभु वंदना की अपेक्षा कर्मों को सुधारने का रास्ता बताते हैं। आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि मुनिश्री के कड़वे वचनों से जनमानस में आचार-विचार की दिशा में भी क्रान्तिकारी परिवर्तन होगा।

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