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१२२ : श्रमण, वर्ष ६१, अंक ३ / जुलाई-सितम्बर-१० एच.डी. की उपाधि प्राप्त की है। आपने १०० से अधिक शोध पत्र एवं हिन्दी व अंग्रेजी भाषा में दर्जनों पुस्तकें लिखी हैं।
सम्मान-पुरस्कार- डॉ. जैन को अपनी साहित्य-साधना के लिये द्विवागीश पुरस्कार, अनेकान्त पुरस्कार, कुन्दकुन्द ज्ञानपीठ पुरस्कार, पर्यावरण पुरस्कार, इत्यादि पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। पार्श्वनाथ विद्यापीठ की ओर से बधाई है।
बाईसवाँ तथा तेईसवाँ मूर्तिदेवी पुरस्कार मूर्तिदेवी पुरस्कार प्रतिवर्ष किसी ऐसी चिन्तनपरक रचना के लिए दिया जाता है जो भारतीय दर्शन तथा सांस्कृतिक धरोहर के व्यापक आदर्शों पर आधारित तथा मानवीय मूल्यों को रेखांकित करती हो।
वर्ष २००८-२००९ के पुरस्कार हेतु प्रस्ताव भेजने की अंतिम तिथि १५ सितम्बर २०१० है। प्रस्ताव पत्र व सम्बद्ध नियमावली के लिए सम्पर्क करें- भारतीय ज्ञानपीठ, १८, इन्स्टीट्यूशनल एरिया, लोदी रोड, नयी दिल्ली-११०००३
वर्ष २०१० का तरुणक्रान्ति पुरस्कार क्रान्तिकारी राष्ट्रसंत मुनिश्री तरुणसागर जी के सान्निध्य में म.प्र. के राज्यपाल श्री रामेश्वर ठाकुर के कर-कमलों से वर्ष २०१० का प्रथम तरुण क्रान्ति पुरस्कार भोपाल में १ अगस्त २०१० को दैनिक भास्कर ग्रुप के चैयरमैन श्री रमेश अग्रवाल व पहली आई.पी.एस. महिला डॉ. किरण बेदी को दिया गया। पार्श्वनाथ विद्यापीठ की ओर से बधाई है।
दीपा जैन को पी-एच.डी. की उपाधि दीपा जैन ने अपना शोध कार्य २०१० में गुजरात विश्वविद्यालय, अहमदाबाद के डॉ. दीनानाथ शर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर-प्राकृत भाषा विभाग के मार्गदर्शन में पूर्ण किया है। इस शोध में शोधार्थी ने गुणस्थान जैसे गूढ़ विषयाभिगम की सैद्धान्तिकता को बनाए रखते हुए इसे सरल व सहज स्वरूप में विश्लेषित किया है। शोध में गुणस्थान के मनोवैज्ञानिक आधार एवं प्रमुख भारतीय दर्शनों के साथ गुणस्थान के तुलनात्मक अभ्यास को प्रमुखता से सामने रखा है जो इस क्षेत्र में अभिनव आयामों का प्रतिनिधित्व करता है।