________________
. [६]
. अध्याय .
प्रधानविषय . . १ तथा चन्द्र सूर्य ग्रहण इनमें श्राद्ध करने का. .. . . माहात्म्य तथा कौन ब्राह्मण श्राद्ध में पूजा के योग्य
हैं और कौन निन्दित है इसका विवरण (२१५२२७ )। श्राद्ध को विधि तथा श्राद्ध की सामग्री श्राद्ध के पहले दिन ब्राह्मणों को निमन्त्रण देना, किन-किन मन्त्रों से पितरों का पूजन तथा किनमन्त्रों से वैश्वदेव का पूजन बताया गया है (२२८-२५० । एकोदिष्ट श्राद्ध, तीर्थ श्राद्ध और काम्य श्राद्ध का विधान तथा पितरों को श्राद्ध से तृप्त करने में मनुष्यों को आयु, प्रजा, धन, विद्या, स्वर्ग और मोक्ष प्राप्त होता है (२५१-२७०)। विनायकादिकल्पप्रकरणवर्णनम्। १२६० गणनायक की शान्ति और जिस पर उनका दोष हो उसके लक्षण। गणनायक के रुष्ट होने पर मनुष्य विक्षिप्त हो जाता है। यदि कन्या पर रुष्ट होता है तो उसका विवाह नहीं होता और यदि होता है तो सन्तान नहीं होती है ( २७१२७६)। विनायक की शान्ति तथा अभिषेक .
और हवन एवं शान्ति के अवसान में गौरी का पूजन ( २७७-२६२)।