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[ ४६ ] अध्याय प्रधानविषय
पृष्ठा ८ नित्यनैमित्तिकादिस्नानानां लक्षणवर्णनम् १४२८
षट् प्रकार के खान-नित्य स्नान, नैमित्तिक नान, क्रिया स्नान, मलापकर्षण स्नान, क्रियाङ्ग स्नान
का समय तथा विधि [१-१६]। है क्रियास्नानविधिवर्णनम् ।
१४२६ क्रिया स्नान के मन्त्र तथा विधान (१-१५)। १० आचमनविधिवर्णनम् ।
प्राजापत्य दैवतीर्थादि बताकर आचमन करने की विधि, अंग स्पर्श सन्ध्या करने से दीर्घायु का
होना बताया है (५ -१ । ११ अघमर्षणविधिवर्णनम् ।
१४३३ अघमर्षण कुष्माण्डी ऋचा तथा पवित्र करनेवाले
मन्त्रों का विधान (१-५)। १२ गायत्रीजपविधिवर्णनम् ।
१४३४ गायत्री मन्त्र जपने की विधि और माहात्म्य
(१-३१)। १३ तर्पणविधि वर्णनम् ।
१४३७ देवऋषिपितृ तर्पण के मन्त्र एवं विधि (१-१७) ।