Book Title: Siddhhem Shabdanushasan Laghuvrutti Vivran Part 03
Author(s): Mayurkalashreeji
Publisher: Labh Kanchan Lavanya Aradhan Bhuvan

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Page 239
________________ ૨૨૮ कुशी आयसी चेत् = दोपनी जनावली. श.. . कुशा = अन्य अर्थमा कामुकी रिरंसुः चेत् = भैथुननी वाणी स्त्री. कामुका = अन्य अर्थमi. कटी श्रोणिः चेत् = 31भा. कय = अन्य अर्थमi. • कबरी केशपाशः चेत् = asl.. कबरा = अन्य अर्थमा. नवा शोणादेः २-४-३१ मर्थ :- शोण विगैरे शोथी स्त्रीलिंगमा डी प्रत्यय वि. थाय छे. सूत्रसमास :- शोणः आदिः यस्य सः – शोणादिः, तस्मात्. (म.) . विवेयन :- शोणी, शोणा - "शोण वर्णे" शोण = 6°sqeq, AEष २७ al. ___ चण्डी = दुहवी, पार्वती, वाणी स्त्री. चण्डा = ३४८ नमनी पार्वतीनी सऽयरी में हेवी. भ। सूत्रथी डी वियू सायो. डी नात्यारे आत् २-४-१८ थी आप् प्रत्यय यो . शोणादि गण - शोण, चण्ड, अगल, कमल, कृपण, विकट, विशाल, विशङ्कट, भरुज, ध्वज, कल्याण, उदार, पुराण, बहु, बहुस्, बह्री विरे. इतोऽक्त्यर्थात् २-४-३२ અર્થ – જી અર્થક પ્રત્યકાન્ત શબ્દોને વર્જીને કારાન્ત નામથી સ્ત્રીલિંગમાં डी प्रत्यय विse. थाय छे. सूत्रसमास :- क्तेः अर्थः – क्त्यर्थः, तस्मात्. (५. d.) विवेयन :- भवति सर्वम् अस्याम् – भूमिः = भान.. • धूयते वायुना – धूलिः = धूम. भूमि, धूलि+डी - समानानां... १-२-१ थी हाध..

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