Book Title: Shreeman Lonkashah Author(s): Gyansundar Maharaj Publisher: Shri Ratna Prabhakar Gyan Pushpmala Phalodhi View full book textPage 8
________________ विचार परिवर्तन मूर्तिपूजा का प्राचीन इतिहास और श्रीमान् लोकाशाह के जीवन पर ऐतिहासिक प्रकाश, ये दोनों पुस्तकें एक ही जिल्द में बन्धाने का विचार था कि जिससे पढ़ने वालों को अच्छा सुविधा रहे और उस समय उन दोनों पुस्तकों का मेटर २५ से ३० फार्म होने का अनुमान लगाया गया था तदनुसार इनकी कीमत भी उसी प्रमाण से जाहिर की गई थी पर यथावश्यकता इनका कलेवर इतना बढ़ गया कि आज करीवन् ५७ फार्म और ४५ चित्र तक पहुँच गया है। इस हालत में इन दोनों पुस्तकों को अलग अलग बंधाने की योजना की गई है। यद्यपि इसमें बाइडिंग (जल्द बन्धी) का खरचा अधिक उठाना पड़ेगा तद्यपि पुस्तक का रक्षण और पढ़ने वालों की सुविधा के लिये पूर्व विचारों में परिवर्तन करना ठीक समझा है। फिर भी पाठक इस बात को ध्यान में रखें कि दोनों पुस्तकों का मूल्य शामिल ही रखा है और मंगाने पर दोनों किताबें साथ ही में भेजी जायगी। एक एक पुस्तक मंगाने का कोई भी सज्जन कष्ट न उठा और दोनों पुस्तकों का सम्बन्ध अन्यान्य मिलता होने से प्रत्येक पाठकों को साथ ही मंगानी और क्रमशः साथ ही पढ़ना जरूरी भी है। * इति शुभम् के Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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