Book Title: Shravak Ke Barah Vrat
Author(s): Mangla Choradiya
Publisher: Samyaggyan Pracharak Mandal

View full book text
Previous | Next

Page 13
________________ 2. अप्काय :- (पानी) हमेशा प्रतिदिन पीने के लिए पानी लीटर ( ) स्नान व गृह कार्य के लिए लीटर ( ) विवाह शादी या किसी जीमण वार का काम पड़े तो ( ) खेती-बाड़ी, मकान निर्माण या उसकी मरम्मत करवाने के लिए पानी ( ) घर में पानी के टेंक ( ) बाथ टब ( ) जलाशय ( ) ओले खाने का त्याग ( ) बरसात के पानी में नहाने के त्याग ( ) समुद्र, नदी, तालाब, बावड़ी आदि में नहाने का त्याग ( )(ये मर्यादाएँ घड़े, गाड़ी, टेंक, गेलन लीटर आदि प्रमाण के अनुसार करें) ___ आगार :-1. आग लगने पर, कुएँ में वस्तु पड़ जाने पर, जान माल की रक्षा के निमित्त अधिक जल का प्रयोग हो तो मेरे आगार हैं। 2. स्नान-सूतक निमित्त अधिक जल का प्रयोग हो तो मेरे आगार हैं। 3. बरसात में चलते समय, नदी नाला पार करते समय, पशुओं को पानी पिलाते समय, घर में भरे पानी को उलीचते समय अधिक जल काम में लेना पड़े हों तो मेरे आगार हैं। 3. तेऊकाय- (अग्नि) मेरे और मेरे परिवार के उपयोग में आने वाली अग्नि, इलेक्ट्रिक व सेल से संचालित होने वाले गैस, स्टोव, सिगड़ी ( ) टी.वी., रेडियो ( ) टेपरिकार्ड, पंखा, फ्रिज, मिक्सर, एयरकूलर, माईक, टेलिफोन, मोबाइल, दीपक, लालटेन, इस्त्री, हीटर, भट्टी, गैसबत्ती, अगरबत्ती, प्रकाश के ट्यूब, बल्ब आदि बिजली से चलित यंत्र संख्या ( ) के उपरान्त नहीं वापरूँगा। नित्य की रसोई भोजन बनाने के निमित्त सिगड़ी, चूल्हा ( ) दीपावली तथा अन्य उत्सवों पर दीपक नग ( ) किसी कारणवश धूनी या धूप करना पड़े तो दियासलाई नग ( ) मोमबत्ती ( ) इत्यादि की मर्यादा। होली, रावण, कचरा व खेत में आग जलाने व जलवाने का त्याग ( ) द्वेषवश कहीं भी आग नहीं जलाना ( ) पटाखे चलाने का त्याग (

Loading...

Page Navigation
1 ... 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70