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18. रसवाणिज्जे-मद्य आदि नशीले पदार्थ, इस व्यापार ___ आदि का व्यापार।
का पूर्ण त्याग 9. विसवाणिज्जे-खार, अफीम इत्यादि पूर्णतया त्याग। __विषैले पदार्थों का व्यापार। 10. केसवाणिज्जे-चमड़ी, पशुओं के केश पूर्णतया त्याग।
आदि का व्यापार। 11. जन्तपीलणकम्मे-मिल, चरखा छापाखाना, दालमिल छापाखाना आदि का व्यापार। आदि व्यापार के अलावा
शेष व्यापार का त्याग 12. निलंछणकम्मे-पशुव मनुष्य के अवयव पूर्णतया त्याग।
छेद कर नपुंसक बनाने का व्यापार । 13. दवाग्गिदावणया-वन में आग लगाने
पूर्णतया त्याग। का व्यापार। 14. सरदहतलाय सोसणया- नदी, तालाब, पूर्णतया त्याग।
सरोवर,आदि को सुखाने का व्यापार । 15. असइजणपोसणया-आजीविका के लिए पूर्णतया त्याग।
दुराचारिणी स्त्रियों का पोषण करना तथा कुत्ते, बिल्ली, तीतर, बाज आदि हिंसक
प्राणियों का शिकार निमित्त पोषण करना। सातवें उपभोग परिभोग परिमाण व्रत के नियम 1. मैं हरे शाक के व्यापार तथा अचार, मुरब्बा बनाकर व्यापार करने
का त्याग करता/करती हूँ। 2. मैं फूलों के शाक नहीं खाऊँगा/खाऊँगी, क्योंकि फूल में त्रस जीव
रहते हैं। ! 3. मैं बाजार का अचार नहीं खाऊँगा/खाऊँगी और घर का बना हुआ ,
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