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4. पन्नी-पाँव में पहनने के जूते, चप्पल, सेंडल, खड़ाऊ, स्लीपर,
बूट (जाति-चमड़े, रबर आदि), मौजे आदि की मर्यादा करें। गुम
हो जाने पर दूसरी जोड़ी पहननी पड़े तो आगार। 5. तम्बोल-मुखवास की चीजें जैसे सुपारी, इलायची, पान, सौंफ,
चूर्ण, खटाई, गोली इत्यादि जाति या वजन की मर्यादा करें। 6. वस्त्र-पहनने एवं ओढ़ने के वस्त्र और काम में लेने के वस्त्रों के
नग की गिनती करना। जैसे-शर्ट, पेण्ट, धोती, कोट आदि तथा बिछौना, ओढ़ने की चादर, शाल आदि। कुसुम-शौक से सूंघने के पदार्थों की मर्यादा करना। जैसे-इत्र, सेण्ट, तेल, फूल आदि। किसी चीज की परीक्षा हेतु सूंघे जाये जैसे-घी-तेल, फल आदि उसका आगार। भूल या दवा का
आगार। 8. वाहन-सभी प्रकार की सवारी की मर्यादा करना। जैसे-हाथी,
ऊँट, घोड़े मोटर, रेल, ऑटो, स्कूटर, कार, नाव, हवाई जहाज
आदि। 9. शयन-सोने के लिए पलंग, खाट, कुर्सी, टेबल, स्टूल, सोफा,
पाट, बाजोट आदि फर्नीचर एवं ओढ़ने के तथा बिछाने के गद्दी, तकिये आदि नग में मर्यादा करना। जिसकी गिनती सम्भव नहीं हो
ऐसे प्रसंगों का आगार। 10. विलेपन-जितनी भी लेप शृङ्गार की चीजें शरीर पर लगाई जावे
उनकी जाति की संख्या में मर्यादा करना। जैसे-तेल, साबून, चंदन, केशर, स्नो, क्रीम आदि। बिना उपयोग, भूल या दवा का
आगार। 11. ब्रह्मचर्य-मैथुन सेवन का त्याग यानी शीलव्रत का पालन करना।
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