Book Title: Shravak Ke Barah Vrat
Author(s): Mangla Choradiya
Publisher: Samyaggyan Pracharak Mandal

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Page 52
________________ 13. मैं फुटबाल, क्रिकेट, कबड्डी, तैरना, कुश्ती आदि अनेक खेल नहीं खेलूंगा/खेलूँगी। 14. लग्न आदि प्रसंग पर लाईट, फूलों का डेकोरेशन नहीं कराऊँगा/ कराऊँगी। 15. मरण प्रसंग पर छाती माथा कूटकर जोर जोर से रुदन नहीं करूँगा/ करूँगी। 16. मोसर तथा स्वामी वात्सल्य में शोक मिलन में नहीं जीमूंगा/जीमूंगी। 17. सांसारिक आरंभ के कार्य प्रीतिभोज, मकान आदि बनवा कर आसक्तिपूर्वक प्रसन्न नहीं होने का विवेक रतूंगा/रलूँगी। दूसरों के आरंभ की प्रशंसा नहीं करने का विवेक रखूगा/रलूँगी। 18. सिनेमा थियेटर में जाकर पिक्चर देखने का त्याग या वर्ष में ( ) बार उपरान्त त्याग। 19. सर्कस, नाटक, जादू आदि टिकट लेकर देखने का त्याग या प्रतिवर्ष ( ) बार उपरान्त त्याग। 20. टी.वी. विडियों आदि महिने में ( ) दिन देखने सुनने का त्याग । एक दिन में ( ) घंटे से ज्यादा नहीं देखना अपने हाथ में एक दिन में ( ) बार से ज्यादा नहीं चलाना। 21. सात कुव्यसन का त्याग। (मांसभक्षण, मद्यपान, द्यूतक्रीड़ा, अथवा जुआ खेलना, वेश्यागमन, परस्त्रीगमन, शिकार और चोरी) 22. सामूहिक रूप से गन्दे गीत गाने का त्याग। 23. विवाह आदि प्रसंगों में डान्स करने का त्याग। 24. पैसे घुमाकर मुफ्त में बाजे वाले को देने का त्याग। 25. पटाखे कभी भी भेंट में नहीं दूंगा/दूंगी। 26. जिन वस्तुओं में पंचेन्द्रिय जीव की घात होती है, ऐसी वस्तुएँ उपयोग में नहीं लूंगा/लूँगी।

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