Book Title: Shravak Ke Barah Vrat
Author(s): Mangla Choradiya
Publisher: Samyaggyan Pracharak Mandal

View full book text
Previous | Next

Page 26
________________ 3. अनंग कीड़ा-अनंग काम क्रीड़ा नहीं करूँगा/करूँगी। 4. कामभोगातिव्वाभिलासे-काम भोग की तीव्र अभिलाषा न रखूगा/ रलूँगी एवं कामोत्पादक गरिष्ठ पदार्थों का सेवन भी नहीं करूँगा/ करूँगी। मैथुन विरमण व्रत के आगार (छूट) व्रत पच्चक्खाण के दिन तिथि एवं तारीख का पता नहीं लगने पर अगर भूल हो जाय तो दूसरे दिन ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना। विशेष नियम 1. भारत वर्ष के सिवाय अन्य किसी भी देश की स्त्री के साथ विवाह नहीं करूँगा तथा भारत वर्ष में भी समान कुल समान जाति की कन्या से ही विवाह करूँगा। 2. परस्त्री, वेश्यागमन नहीं करूँगा। 3. कामेच्छा की वृद्धि करने हेतु पुष्टि कारक औषध का सेवन नहीं ____ करूँगा/करूँगी। 4. किसी अन्य स्त्री/पुरुष के साथ एकान्त में नहीं रहूँगा/रहूँगी। 5. मैं इतने ( ) वर्ष की अवस्था के पहले विवाह नहीं करूँगा/ करूँगी। 6. मैं इतने ( ) वर्ष के ऊपर अपनी स्त्री/पति का वियोग होने ___पर एक या...' से अधिक विवाह नहीं करूँगा/करूँगी। 7. मैं वेश्या का नृत्य न कराऊँगा/कराऊँगी और न देलूंगा/देलूंगी। 8. मैं दिन में मैथुन सेवन नहीं करूँगा/करूँगी। सृष्टि विरुद्ध कार्य नहीं करूँगा/करूँगी। 9. मैं अष्टमी, चतुर्दशी, अमावस्या.."तिथि में ब्रह्मचर्य पालूँगा/ पालूँगी।

Loading...

Page Navigation
1 ... 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70