Book Title: Shravak Ke Barah Vrat
Author(s): Mangla Choradiya
Publisher: Samyaggyan Pracharak Mandal

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Page 38
________________ 19. जीमण विहि-भोजन का परिमाण । सभी वस्तुएँ मिलाकर प्रतिदिन भोजन में ( ) किलोग्राम उपरान्त त्याग। 20. पाणिय विहि-पीने के लिए पानी एक दिन में ( ) लीटर। 21. मुखवास विहि-पान, सुपारी, लौंग, इलायची, सौंफ, जायफल, चूर्ण आदि मुख को सुगंधित करने वाली वस्तु की जाति ( ) एक दिन में ( ) किलोग्राम। 22. वाहण विहि-घोड़ा, ऊँट, बैल, हाथी की सवारी एक दिन में या एक वर्ष में ( ) एक तक। ट्रेन, मोटर, कार, मेटाडोर, बस, लॉरी, रिक्शा, स्कूटर, साइकिल, घोड़ागाड़ी, रथ, आदि ट्रेवल्स एक दिन में ( ) बार। हवाई जहाज, हेलिकॉप्टर, बैलून आदि एक वर्ष में ( ) बार। 23. उवाणह विहि-पाँव में पहनने के जूते-बूट, मोजे, चप्पल आदि ( ) तक। 24. सयण विहि-सोने, बैठने के आसन, पलंग, खाट, कुरसी, टेबल, पट्टा, चौकी, सोफा, दिवान आदि एक दिन में ( ) तक। 25. सचित्त विहि-पानी, बर्फ, हरी वनस्पति, सचित्त फूट, मेवा आदि सचित्त वस्तु की जाति ( ) एवं वजन ( )। 26. दव्व विहि-सचित्त, अचित्त इन दोनों जातियों के द्रव्य एक दिन में ( ) तक। उपरोक्त छब्बीस नियमों में जो मर्यादा की है, उसके उपरान्त मन, वचन काया से त्याग करता/करती हूँ। वस्तु की परीक्षा का आगार है एवं भूल चूक दवा का आगार है। ( 3)

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