Book Title: Shravak Ke Barah Vrat
Author(s): Mangla Choradiya
Publisher: Samyaggyan Pracharak Mandal

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Page 12
________________ 2. 30. कुत्ते, पशु, बालक आदि पर निर्दयता से मारपीट नहीं करूँगा/ करूँगी। 31. पक्षी आदि को पिंजरे में नहीं डालूँगा/डालूँगी। 32. गरम पेय पदार्थ को फूंक देकर नहीं पीऊँगा/पीऊँगी। 1. मैं बेइन्द्रिय से पंचेन्द्रिय पर्यन्त निरपराधी त्रसजीवों की जान बूझकर यावज्जीवन हिंसा नहीं करूँगा। पाँच स्थावर काय की मर्यादा :- (इसमें जीवन पर्यन्त की प्रतिदिन की मर्यादा निर्धारित कर ली जाती है, जिसे चौदह नियम में और संक्षिप्त कर सकते हैं।) 1. पृथ्वीकाय:- जीवन पर्यन्त नये मकान बनाना पड़े संख्या ( ) पुराने मकान की मरम्मत ( ) कुआँ बावड़ी ( ) बाग-बगीचा ( ) तालाब, बोरिंग नल ( ) सुरंग, तहखाना, भौंरा ( ) कोयला, पत्थर, धातु आदि की खान ( ) सड़क, नहर, पुल, ( ) प्रतिवर्ष पापड़खार ( ) नमक ( ) हींग ( ) हरताल ( ) सोनागेरु ( ) फिटकरी ( ) सेंधा नमक ( ) ओखली-मूसल, खरल ( ) खेती बाड़ी के संबंध में भूमि जोतनी या जुतानी पड़े, जमीन खोदनी या खुदवानी पड़े इत्यादि। ___ ( इसमें प्रतिवर्ष अथवा जीवनपर्यन्त के लिए पच्चक्खाण । गज, मीटर बीघा, एकड़, फल्ग, मील, नग, किलोग्राम आदि प्रचलित तोल के माप के अनुसार परिमाण कर सकते हैं)

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