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23. झूठे दस्तखत नहीं करूँगा / करूँगी, झूठे पट्टे, दस्तावेज, लाइसेंस, झूठे पेंपलेट, अफवाहें आदि नहीं फैलाऊँगा / फैलाऊँगी।
24. छः काय जीवों की हिंसा और आडम्बर रूप धर्म के विकारों की प्रशंसा नही करूँगा/करूँगी ।
सत्य अणुव्रत के आगार (छूट)
1. भूल-चूक व किसी जीव की प्राण रक्षा के लिए, अथवा किसी अधर्मी, क्रूर मनुष्य को शिक्षा देने के लिए, छोटे बच्चों को समझाने के लिए एवं हँसी मजाक में झूठ बोला जाय तो आगार ।
2. घर संबंधी कार्य में यदि कोई अति आवश्यक बात छिपानी पड़े, उस समय उपयोग शून्य भाषा बोलनी पड़े तो आगार।
3. हास्य, भय, क्रोध आदि परिणामों से अचानक बिना विचारे बोला जाय तथा बेहोशी में असत्य बोला जाय तो आगार ।
4. अपनी-ज
-जान-माल बचाने या आजीविका आदि विशेष कारण से या जीव रक्षार्थ असत्य बोलने में आ जाय तो छूट।
5. सरकारी कायदा नहीं पलने से कोई झूठ बोलना पड़े उसका आगार। सत्य अणुव्रत की शिक्षाएँ
1. सूत्र सिद्धान्त के विपरीत नहीं बोलना चाहिए। अपनी बेकार बड़ाई नहीं करना चाहिए। निरर्थक बोलने से लोगों का विश्वास नहीं रहता है।
2. किसी को नुकसान पहुँचे, फजीहत हो, विरोध बढ़े ऐसी बात नहीं बोलनी चाहिए।
3. भले बुरे का विचार किये बिना दूसरों को प्रसन्न करने के लिए मृदुभाषी नहीं बनना चाहिए।
4. किसी की निंदा नहीं करनी चाहिए।
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