Book Title: Shatrunjayatirthoddharprabandha
Author(s): Jinvijay
Publisher: Shrutgyan Prasarak Sabha

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Page 68
________________ शत्रुंजयतीर्थोद्धार के प्रतिष्ठाता सूरिवर का वंशवृक्ष विजयरत्नसूरि | विवेकमंडन जयमंडन क्षमाधीर धर्मरत्नसूरि | विद्यामंडन्सूरि विवेकधीर Jain Education International 2010_02 सौभाग्यरत्नसूरि सौभाग्यमंडन रत्नसागर * जयवंत पंडित * जयवंत पंडित ने संवत् १६१४ में गुजराती कविता में 'शृंगारमंजरी' नामक एक ग्रंथ बनाया है । इसकी रचना बहुत ही सरस और सुंदर है । इसमें शीलवती का चरित्र वर्णित है । ६५ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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