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शत्रुंजयतीर्थोद्धार के प्रतिष्ठाता सूरिवर का वंशवृक्ष
विजयरत्नसूरि
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विवेकमंडन
जयमंडन
क्षमाधीर
धर्मरत्नसूरि | विद्यामंडन्सूरि
विवेकधीर
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सौभाग्यरत्नसूरि सौभाग्यमंडन
रत्नसागर
* जयवंत पंडित
* जयवंत पंडित ने संवत् १६१४ में गुजराती कविता में 'शृंगारमंजरी' नामक एक ग्रंथ बनाया है । इसकी रचना बहुत ही सरस और सुंदर है । इसमें शीलवती का चरित्र वर्णित है ।
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