Book Title: Shatrunjaya Giriraj Darshan ane Shilp Sthapatya kalama Shatrunjay
Author(s): Kanchansagarsuri
Publisher: Agamoddharak Granthmala

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Page 473
________________ श्रीशत्रुजय-गिरिराज-दर्शनम् ले० १५७ मोदीटके देरीनं० ६३०/२/१ ॥ संवत १८६० ना वैशाख सुदि ५ चंद्रवारे श्रीविजयआणंदसू रिगच्छे श्रीसू रितबिंदिरवास्तव्य-श्रीउसवालज्ञातीय–झवेरीश्रीरत्नचंद्र झवेरचंद भार्याहुल्यासबाई तस्य पुत्रगुलाबचंद दुतीय भार्या आधार तस्य पुत्र लालचंद तस्य० जडाव मोतीकुवरी देवकुवरी । प्रेमचंद लघुभ्रातृ मलुकचंद-अभेचंदेन श्रीश्रीश्रीअजाहरापार्श्वनाथजी नविनप्रसाद नविनबिंब भरापित श्रीविजयदेवेंद्रसूरि राज्ये कल्याणं भवतु ॥ श्रीतपागच्छभट्टारक विजयजिनेंद्रसूरि प्रतिष्ठितं ॥ संवत १८६० व० वैशाख सुदि ६ दिने श्रीसू रितविंदरमध्ये श्रीवासुपूज्यस्वामि नविनप्रसाद नविनबिंबं करापितं सा० रुपचंदेन अमीचंदे उद्यमकारक शुभं भवतु.... ....॥ ले० १५८ ने० चो० देरीनं० ४४८/१ पाषाणबिंब ॥ संवत १६७५ वर्षे वैशाख सुदि १३ शुक्रे पातासाहश्रीजहांगीरविजयराज्ये ओसवालज्ञातीय-श्रीअहमदावादनगरवास्तव्य व्य० भणसाली सोना भार्याबाईमूली पुत्र भणसालीकमलसी भार्या बाई कमलादे पुत्र भणसाली लखराज भार्याबाई वरबाई पुत्रभणसाली सइआधर्मसी बाईवरबाई समेत श्रीधर्मनाथबिबं सपरिकरं[ण] कारितं प्रतिष्ठितं श्रीबृहत्खरतरगच्छे श्रीजिनमाणिकसू रिप्रट्टालंकार दिल्लीपति पातसा........॥ ले० १५९ देरीनं० ६६१/३३/१ पाषाणचतुर्विंशतिपट्ट, मोदीटूकः ॥ -१-१=२ ट्रा० जसा भार्या काल्हौ ॥ लूणसी भा० चांपाल पु० महिपाल जइतलदे ॥ बा० हीरी बा०निबी, बा० गोरी बा० रहकु, बा० गवरी बा० रमी रामबाई [गयर]........बलह.... बा० कजई ॥ बिंबं २४ जयीणा सं० १४२५ वर्षे....॥ शा भृणीआ सा जीबर बा० इसरी बा० दोदाही । बा० सुनखत बा० पयरादे बा० वीरिणि बा संपई । बा० निणि बा० धामिणि बा० नाइणि बा० जसमादे । बा० ईसरे सा० देवसी सा० पूना सा० माहू... । ....बा० हंसा बा० लोबी... । प्रालही.... ॥ ले० १६० श्रेष्ठि-हेमाभाई-मूलमंदिरवरगतो लेखः ॥ ॥ श्रीगोतमनाथयै नमः ॥ श्रीअहमदावाद-वास्तव्य, ओसवालज्ञातिअ वृद्धशाखायां शीशोदियावंशे कुंकुमोलगोत्रे आसापुरीगोत्रदेवी बरडाक्षेत्रपाल मुलउतपति राजा सामंत संघराणो । तत्पुत्र कुअरपाल आयारज धर्मगोषसू रि १ पतिबोधी श्रावकधर्मअंगीकारकयो, तत् पूत्र परंपरा यावत् सा० । हरपति तत्पुत्र सा । वछ । तत्पुत्र सा सहस्रकिरण तत्पूत्र राजसमाशंगार श्रीइलपतिपातसाह साह जांनगाजी (४२) Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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