________________
.. शतपदी भाषांतर. जोइये अथवा तो आगला ग्रंथ साथे विरोध नहि आवे तेवी बीजी कोइ रीते व्याख्या करवी जोइये. ते रीते एम थइ शके छ के जेम "शाळ अने महाशाळनी साथे बीजा गौतम स्वामी दीधा" इहां सपरिवार गौतम त्रीजा छे छतां तेने वीजा करी कह्या छे तेम, अथवा तो लोकमां कहेवाय छे के "फलाणा मुसाफरनी साथे वीजा घणा छे" इहां बीजा शब्दे करीने सहाइया (संघातीओ) आवे छे तेम इहां पण बीजा शब्दनो अर्थ सहाय करतां, सहाय साथे बाहेर जq सिद्ध थशे.
वळी आगममां पण बीजा शब्दनो अर्थ सहाय थइ शकतो जणायो छे केमके आठमा योगसंग्रहनी चूर्णिमां एक कथामां वात आवे छे के "गणिकाए कह्यं के मने सहाइया आपो सारे राजाए तेने सात बीजा दीघा." इहां बीजा एटले सहाइयाज खुल्ला देखाय छे.
HO .
विचार २८ मो. प्रश्नः-पहेली, बीजी, तथा चोथी पोरसीमां श्रावकोने जे मुनि धर्म कहे ते काथिक कहेवाय छे, माटे तमे ते वेला केम धर्मदेशना करो छो?
उत्तरः-ए बाबत शास्त्रमांज खुलासो थएल छे. ते एवी रीते के जे साधु सूत्रपौरुषी अने अर्थपौरुषीनां काम छोडी रात दि- . वस धर्मकथा करवानुज काम कर्या करे तेने काथिक गणवो. इहां जो के धर्मकथा करवी ए काम तीर्थना अव्युच्छेद तथा प्रभावनानो हेतु होवाथी भलुज छे, छतां पण सर्वकाळ धर्मकथा कर्या करवी नहि जोइये; कारण के.तेथी बीजां सर्व काम अटके छ. किंतु गच्छने मदद करनार क्षेत्र जाणी, अथवा हीणा काळ.