Book Title: Sanskrit Praveshika
Author(s): Sudarshanlal Jain
Publisher: Tara Book Agency

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Page 87
________________ 160] संस्कृत-प्रवेशिका [पाठ:१ 5. हमेशा 'सुबन्त' और 'तिङन्त' पदों का ही प्रयोग करें। 'सुप्' या 'तिङ्' प्रत्ययों का तथा 'सुप्' या 'तिङ्' से रहित शब्दों (प्रातिपदिकों या धातुओं) का भूलकर भी प्रयोग न करें। 6. पदान्त 'म्' के बाद यदि कोई व्यञ्जन वर्ण हो तो उसका अनुस्वार कर देना चाहिये, स्वर वर्ण के बाद में होने पर नहीं / 7. सभी संज्ञा पद प्र० पु० में होते हैं / अतः उनके साथ क्रिया भी प्र० पु. की ही होती है।। अभ्यास १-पुस्तकें हैं / गीता खेलती है / मनुष्य हंसते हैं / वे दोनों पढ़ते हैं। तुम जाते हो। हम सब गाते हैं / मैं लिखता हूँ। वे सब गिरते हैं / सुरेश दौड़ता है। वे सब जाती हैं। हम सब सोते हैं। सीता है। पाठ 2: सामान्य वर्तमानकाल ( Present Indefinite Tense) उदाहरण-वाक्य [ विभक्तियों का सामान्य प्रयोग 1. सीता पुस्तक लिखती है- सीता पुस्तकं लिखति / 2. बालक गेंद से खेलते हैं -बालकाः कन्दुकेम क्रीडन्ति / 3. वह ब्राह्मण के लिए धन देता है सः ब्राह्मणाय धनं ददाति / 4. मोहन पेड़ पर से गिरता है = मोहनो वृक्षात् पतति / 5. मैं राम की पुस्तक पढ़ता हूँ= अहं रामस्य पुस्तकं पठामि / 6. विश्वविद्यालय में छात्र पढ़ते हैं -विश्वविद्यालये छात्राः पठन्ति / 7. हे राम! तुम कहो जाते हो-हे राम ! त्वम् कुत्र गच्छसि ? 8. क्या वह पुस्तकें ले जाता है % किं सः पुस्तकानि नयति ? - 6. मैं पुस्तक नहीं पढ़ता हूँ = अहं पुस्तकं न पठामि / 10. सीता पेड़ पर से नहीं गिरती है % सीता वृक्षात् न पतति / नियम-- [कर्तृवाच्य के कर्ता में प्रथमा, [कर्तृवाच्य के] कर्म में द्वितीया, करण में। तृतीया, सम्प्रदान में चतुर्थी, अपादान में पञ्चमी, सम्बन्ध में षष्ठी और अधिकरण (आधार) में सप्तमी विभक्ति होती है। ... निषेधवाचक (Negative) और प्रश्नवाचक (Interrogative) वाक्य भी। साधारण (Affirmative ) वाक्यों की ही तरह होते हैं / उनमें प्रश्न का भाव पुष अभी-अभी समाप्त हुए अथवा निकट भविष्य में समाप्त होने वाले कार्यों को प्रकट करने के लिए (जैसे-त्वं कदा गमिष्यसि गृहम् ? एष गच्छामि - तुम मा घर जाओगे? अभी जाता है। त्वं कदा गहाद् आगतः ? अयम् अहम् आगच्छा = तुम कब घर से आये? अभी मैं आ रहा हूँ।) भी होता है। सामान्य वर्तमानकाल] 2: अनुवाद कदा, किम्, कस्मात्, कथम् आदि अव्ययों को जोड़ कर प्रकट किया जाता है तथा वाक्य के अन्त में प्रश्नवाचक चिह्न भी लगाया जाता है / निषेध का भाव व्यक्त करने के लिए साधारणतः 'म' का प्रयोग किया जाता है। कभी-कभी व्यशान से आरम्भ होने वाले शब्दों के आदि में 'अ' जोड़ कर तथा स्वर से प्रारम्भ होने वाले शब्दों के आदि में 'अन्' जोड़कर भी निषेधात्मक वाक्य बनाये जाते हैं। जैसे-गमनम >अगमनम्; आवश्यकम् >अनावश्यकम् / अभ्यास २-हम दोनों गांव को जाते हैं। क्या तुम आंखों से नहीं देखते हो? क्या सीता आँगन में खेलती है ? छात्र विश्वविद्यालय में पढ़ते हैं। वाराणसी में संस्कृत के विद्वान् हैं। श्यामा डण्डे से सेवक को मारती है। बालक पेड़ पर से गिरता है। मैं निर्धनों को धन देता हूँ। क्या लड़के खेलते हैं ? तुम सब कलम से लिखते हो / वे दोनों दिल्ली जाते हैं। . पाठ 3 : सामान्य वर्तमानकाल ( Present Indefinite Tense), उदाहरण-वाक्य [ 'भवत्', 'च' और 'वा' शब्दों का प्रयोग ] 1. आप जाते हैं = भवान् गच्छति / 2. आप दोनों जाती हैं % भवत्यो गच्छतः / 3. राम और मोहन पढ़ते हैं = रामः मोहनश्च पठतः / 4. राम, तुम और मैं (अर्थात् हम सब) पड़ते हैं = रामः त्वम् अहश्च (वयम् ) पठामः / 5. हम दोनों और तुम सब लिखते हैं = आवां च यूयं च ( वयम् ) लिखामः / 6. तुम, राम और सीता खेलते हो = त्वं रामः सीता च क्रीडय / 7. राम और लक्ष्मण बुद्धिमान् हैं = रामः लक्ष्मणश्च सुधियो स्तः। 8. वह, तुम या मैं लिखता है -सः त्वम् अहं वा लिखामि / 6. तुम दोनों अथवा वे सब जाते हैं = युवां ते वा गच्छन्ति / 10. मैं या राम या कृष्ण या सीता पढ़ती है = अहं रामः कृष्णः सीता वा पठति / / नियम-१०. यदि सम्मानसूचक 'भवत्' (आप) शब्द का प्रयोग होता है तो क्रिया प्र० पु. की ही होती है। (1-2) 11. 'च' और 'वा' शब्दों का प्रयोग 'व' और 'वा' से जुड़े हर शब्दों के बाद " अथवा जुड़े हुए शब्दों के दोनों तरफ करना चाहिए / (4-5, 9:10) 12. 'च' से जुड़े हुए कर्ता जब दो हों तो क्रिया द्विवचन में और जब दो से अधिक हों तो बहुवचन में होगी। (3-7) 11

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