Book Title: Sanskrit Praveshika
Author(s): Sudarshanlal Jain
Publisher: Tara Book Agency

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Page 104
________________ 194] संस्कृत-प्रवेशिका [पाठ : 28 भी पुस्तक लाओ और कोई सा भी पाठ पढ़कर सुनाओ। वर्षा में नदियाँ बालू बहाकर ले गई। अश्विनीकुमार ज्ञान देते हैं। इन फूलों को देखो। सुशीला न तो पैरों से चलती है और न कानों से सुनती है। ये कन्यायें अप्सराओं के तुल्य हैं। कितने वर्षों तक वह जीवित रहा? आप ही इस विषय में प्रमाण हैं। जो स्त्री आती है वही यहाँ काम करती है। 'होने पर' वाक्य ] 2: अनुवाद [ 165 के रूप में प्रयुक्त होगा और तब उत्तरवाक्य के कर्तृवाच्य होने पर दोनों में प्रथमा होगी। कर्मवाच्य होने पर दोनों में तृतीया होगी, सप्तमी नहीं। (8) अभ्यास २८-अनीता के पढ़ लेने पर गीता आई। उन स्त्रियों के सो जाने पर चोर आये। खेत में किसानों द्वारा कार्य कर लेने पर उसका मालिक आया / अध्यापक द्वारा कक्षा में पाठ पड़ा लेने पर रमेश घर गया। विश्वविद्यालय में मेरे द्वारा पुरस्कार प्राप्त करने पर सभी छात्र प्रसन्न हुए। मेरे द्वारा उत्तरपुस्तिकायें लिख लेने पर निरीक्षक महोदय गये। गाती हुई छात्राओं ने नाचना प्रारम्भ किया / खेलकर जाते हुए मुझे अध्यापक ने बुलाया / क्या सिनेमा की सभी टिकटें बिक जाने पर मैं खिड़की पर पहुँचा? पाठ 28 : 'होने पर' अर्थ वाले वाक्य उदाहरण वाक्य [ 'कृत्' प्रत्यय एवं 'सप्तमी-विभक्ति' का प्रयोग ]1. राम के वन चले जाने पर दशरथ ने प्राण छोड़े = रामे वनं गते दशरथः प्राणान् त्यक्तवान् ( कर्तृ०)। रामेण बने गते दशरथेन प्राणाः स्यक्ताः (कर्म)। 2. सूर्य के अस्त हो जाने पर छात्र घर गये = सूर्य अस्तङ्गते छात्राः गृहम गच्छन् / 3. हम स्त्रियों के पुस्तकें पढ़ लेने पर वह पाया = अस्मासु स्त्रीषु पुस्तकानि पठितवतीषु आगतः सः। 4. क्या मेरे द्वारा गीता पढ़ लेने पर और उसके द्वारा उपनिषदें पढ़ लेने पर पिता जी आए = किं मया गीतायां पठितायां तेन च उपनिषत्सु पठितासु पिता आगतः? 5. उन स्त्रियों के प्रस्थान कर जाने पर मैं बोला = प्रस्थितासु तासु स्त्रीषु उक्तवानहम् / 6. भोजन करके घर की ओर हमारे आते हुए होने पर छात्र दिखाई दिये = भोजनं कृत्वा अस्मासु गृहं प्रति आगच्छत्सु सत्सु दृष्टाः छात्राः / 7. मेरे सेवा करने पर सभी प्रसन्न हुए = मयि सेवमानायां सर्वे प्रहृष्टाः / 8. आए हुए देवदत्त ने अध्ययन प्रारम्भ किया = आगतेन देवदतेन अध्ययन प्रारब्धम् / नियम-७५. (क) जब पूर्वकालिक वाक्य तथा उत्तरकालिक वाक्य के कर्ता भिन्न-भिन्न हों और पूर्वकालिक क्रिया से 'हो जाने पर' या 'हो पकने पर' अर्थ निकलता हो तो पूर्वकालिक क्रिया में 'क्त'क्तवत्', 'शत'-'शान' आदि प्रत्ययों का प्रयोग होगा दिखिए, पाठ 18-19] / (ख) यदि ऐसे वाक्यों में एक ही कर्ता का - दो बार उल्लेख किया गया हो तो पूर्वकालिक वाक्य का भाव कर्ता के विशेषण

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