________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
भोगविलास में रोगों का, कुल परिवार में नाश होने का, धन वैभव में राजा चौर, अग्नि आदि का, मौन रहने में दीनता का बल पराक्रम में शत्रुओं का, रूप में जरावस्था आ जाने का, शास्त्रज्ञता में चर्चा का, गुण में खलपुरुषों का और काया में यमराज का इस प्रकार संसार की सभी वस्तुएं भय से युक्त है। सिर्फ ज्ञान गर्भित वैराग्य ही एक ऐसा निर्भय है कि जिस में किसी प्रकार की चिन्ता या भिति नहीं है। जो व्यक्ति अहिंसा तप और संयम की कसौटी पर चढ़कर उत्तीर्ण हो जाता है उसी को निर्भय पद प्राप्त होता है। जो इस कसौटी पर नहीं चढ़ता वह भव सागर में अनन्तकाल तक भ्रमण करता रहता है।
For Private And Personal