Book Title: Sammetshikhar Jain Maha Tirth
Author(s): Jayprabhvijay
Publisher: Rajendra Pravachan Karyalay

View full book text
Previous | Next

Page 48
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir "यदिसरकारबिना किसीको फाँसी पर चढ़ाए सम्मैतशिखरदेनाचाहती है तो मैं तैयार हूँ, मुझे फाँसी के फंदेपरचढ़ा दिया जाए।" पटना की जेल भरने, जैन समाज तैयार है। . पू. मुनिराज श्री देवेन्द्रविजयजी महाराज महानुभवों! बिहार सरकार ने श्री सम्मैतशिखर तीर्थ । पर कब्जा कर लिया है। सरकार ने उसे जागीरदारी मानी और कहा- जब जागीरदारी प्रथा समाप्त हो गई है तो फिर जैनियों की जागीर क्यों बची रहे? कितनी खेद की बात है कि राजघाट जागीर नहीं है और पारसनाथ हिल्स, जागीर माने गए हैं। अरे भाई, जब यह कहते हो कि राजघाट राष्ट्र पूज्य बापू का समाधिस्थल है, तो यह क्यों भूलते हो कि श्री सम्मैतशिखर २० तिर्थंकरों की निर्वाण भूमि है, १२८० गणधरों का मोक्षस्थल है और अनन्त मुनियों की सिद्धि का केन्द्र है। लेकिन खेद है कि सत्ता की मदान्धता एवं जंगल विकास की ओर से जारीगदारी उन्मूलन की बात कहकर सरकार, नादान बनी हुई है। श्री सम्मैतशिखर पर अधिकार कर यदि बिहार सरकार यह मानती है कि जैन समाज कमजोर है, तो वह उसकी मूर्खता है। मैं डंके की चोट पर कहता हूँ कि यदि पटना की जेलें खाली हों तो वह दुराग्रह पर डटी रहें। चाहे प्राण चले जाएँगे, पर याद रहे, श्री सम्मैतशिखर नहीं जा सकेंगे। श्रावक-श्राविकाएँ तो क्या, साधु और साध्वी सत्याग्रह के लिए कदम बढ़ाएँगे और आन्दोलन को गतिशील करेंगे। . (जयघोष) हम उन वीर जैनाचार्य कालिकाचार्य की सन्तान हैं, जिन्होंने अन्याय और आत्याचार को मिटाने के लिए स्वयं सेनापति का पार्ट अदा दिया और रणभूमि में जो सदल-बदल उतरे थे। हम भी पीछे नहीं हटने वाले हैं। हमारा इतिहास गौरवमय है- भामाशाह का उदाहरण सामने है, जिसने स्वतंत्रता की रक्षा और मातृभूमि की इज्जत के लिए अपना सर्वस्व महाराणा के चरणों में अर्पित किया। For Private And Personal

Loading...

Page Navigation
1 ... 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71