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जनअदालत में प्रस्ततवादपत्र ।
जैन श्वेताम्बर समाज.....वादी ।
विरुद्ध बिहार राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री श्री लालूप्रसाद यादव...प्रतिवादी
भारतीय संविधान द्वारा अधिकृत सर्वोच्च शक्तिसम्पन्न भारतीय जनता की अदालत में निम्न वाद प्रस्तुत है:
१- यह कि वादी भारतवर्ष की जनता का एक प्रमुख अंग है, जिसके सदस्यों को भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त समस्त धार्मिक स्वतंत्रताएँ, मौलिक अधिकार के रूप में प्राप्त हैं।
२- यह कि बिहार, राजस्थान ने वादी के पावन-पवित्र तीर्थ पारसनाथ हिल्स (श्री सम्मैतशिखरजी) का अवैधानिक अधिकरण कर लिया है। __ ३- यह कि पारसनाथ हिल्स, हजारी बाग जिले के बिहार राज्यान्तर्गत स्थित है, जिसका क्षेत्रफल १६ हजार एकड़ है। इसे श्री सम्मैतशिखर के नाम से जैन साहित्य में सम्बोधित किया गया है।
४- यह कि पारसनाथ हिल्स पर जैनियों की वर्तमान चौवीसी के २० तीर्थंकर, १२८० गणधर तथा अनन्त मुनि मोक्ष में गए हैं तथा यहाँ उनकी निर्वाण भूमि है। अतएव यह पूरा पर्वत जैन धर्मावलम्बियों के लिए श्रद्धा का केन्द्र है एवं इसकी इंच-इंच भूमि को हम वंदनीय मानते हैं। ___५- यह कि पूरा जैन समाज इस पर्वत को मानता व पूजता है। यहाँ तक कि इस पर जैन धर्मावलम्बी, नंगे पैर चढ़ाई करते हैं तथा ऊपर कुछ खाते-पीते नहीं हैं। यही नहीं, पर्वत पर चढ़ने से पूर्व, वे इसकी आरती एवं वन्दना भी करते हैं। पर्वत की परिक्रमा कर वे अपने आप को धन्य मानते हैं तथा इसकी यात्रा के द्वारा अनुपम एवं अद्वितीय आत्मशांति अनुभूत करते हैं।
६- यह कि पर्वत अनन्तकाल से ही जैन समाज की निजी सम्पत्ति रहा है। मुगल बादशाह अकबर ने भी जैनाचार्य श्रीमद् विजय हीरविजय सूरिजी के समय
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