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एवं बुद्धिमत्तापूर्ण कार्य नहीं कहा जा सकता। दिगम्बर बन्धुओं को चाहिए कि वे विवेक से काम ले।
स्थिति ऐसी उत्पन्न हुई है कि श्वेताम्बर समाज पर दो तरफा आक्रण हुआ है। बिहार सरकार कब्जा कर चुकी है तथा दिगम्बर भाई अधिकार का दावा करते हैं। यदि कहीं लड़ाई दिगम्बर श्वेताम्बर के बीच प्रारम्भ हो गई तो श्री सम्मेतशिखर तो सदैव के लिये हमारे हाथ से निकलेगा ही हम इतने उलझ जाएंगे कि लोकतंत्र में हमारा अस्तित्व भी खतरे में पड़ जाएगा। बिहार सरकार तो यह चाहती भी कि दाने डाल दिये जाए किन्तु दिगम्बर भाई यदि संतुलित रहे तो सम्मेदशिखरजी के संघर्ष में हम विजय ही रहेंगे। बिहार सरकार को पछाड़ भी खिला सकेंगे। ___ आशा है दिगम्बर समाज सोच, समझकर विवेकपूर्ण कदम उठायेगी। आज कई उदाहरण है कि इस प्रकार दिगम्बर समाज द्वारा श्वेताम्बर तीर्थों पर किये अनाधिकार दावों से तीर्थों की दुर्दशा हुई वहीं आशातना बढ़ी एवं दोनों ही हाथ मलते रह गये।
- शाश्वत धर्म से उधृत अक्टूबर १९६४
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