Book Title: Sadhwachar ke Sutra
Author(s): Rajnishkumarmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 122
________________ गण प्रकरण १०५ प्रश्न ४०. प्रवर्तक-स्थविर आदि पदधारी साधु कितने वर्ष के दीक्षित होने चाहिए? उत्तर-आठ वर्ष के दीक्षित एवं कम से कम स्थानांग-समवायांग के जानकार हों, उन्हें–१. आचार्य २. उपाध्याय ३. प्रवर्तक ४. स्थविर ५. गणी ६. गणावच्छेदक ये छहों पद दिये जा सकते हैं लेकिन वे आचारकुशलता आदि गुणों से सम्पन्न अवश्य होने चाहिये। यदि इन गुणों से रहित हों तो उन्हें कोई भी पद देना नहीं कल्पता। प्रश्न ४१. प्रभावक साधु कौन कहलाते हैं? उत्तर-आठ प्रकार से शासन की प्रभावना करने वाले (प्रभावना का अर्थ शोभा है) साधु प्रभावक कहलाते हैं। प्रश्न ४२. आठ प्रभावक कौन-कौन से है ? उत्तर-१. प्रावचनी-जैन-जैनेतर शास्त्रों के विशेष जानकार । (प्रवचन का अर्थ शास्त्र है)। २. धर्मकथी-आक्षेपणी-विक्षेपणी-संवेगणी-निवेदनी इन चारों प्रकार की कथाओं द्वारा प्रभावशाली व्याख्यान देने वाले। ३. वादी-वादी-प्रतिवादी-सभ्य-सभापति रूप चतुरंग-सभा में पुष्ट-तों द्वारा विपक्ष का खण्डन एवं स्वपक्ष का मण्डन करने वाले। ४.नैमित्तिकभूत-भविष्य एवं वर्तमान में होने वाले हानि-लाभ के जानकार। ५. तपस्वी-नाना प्रकार की तपस्या करने वाले। ६. विद्यावान-रोहिणीप्रज्ञप्ति आदि विद्याओं के ज्ञाता। ७. सिद्धि-युक्त-अंजन-पादलेप आदि सिद्धियों को जानने वाले। ८. कवि-गद्य-पद्य-कथ्य-गेय, इन चारों प्रकार के काव्यों की रचना करने वाले। प्रश्न ४३. स्थविर किसे कहा जाता है ? उत्तर-सन्मार्ग से गिरते हुए मनुष्य को स्थिर करने वाले व्यक्ति स्थविर कहलाते हैं। संयम से विचलित साधु को धैर्य बंधाकर स्थिर करना एवं उनकी दुविधाओं का निवारण करना। उनका सहज स्वीकृत दायित्व होता है। विवक्षावश बड़े-बूढ़े विशेषज्ञानी, मुख्य एवं प्रभावशाली व्यक्तियों को भी स्थविर कहा जाता है। शास्त्र में दस प्रकार के स्थविर कहे गए हैं१. ग्रामस्थविर-गांव में व्यवस्था करने वाले बुद्धिमान् एवं प्रभावशाली व्यक्ति। १. व्यवहार ३/७-८ ३. स्थानां १०/१३६ २. प्रवचनसारोद्धार १४८ द्वार गा. ६३४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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