Book Title: Sadhwachar ke Sutra
Author(s): Rajnishkumarmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 152
________________ १७. सूझता असूझता प्रकरण प्रश्न १. सूझता-असूझता क्या होता है ? उत्तर-सूझता का अर्थ होता है प्रासुक और असूझता अर्थात् अप्रासुक। ये दोनों शब्द गौचरी विधि से संबंधित हैं। जो आहार-पानी, भिक्षा-संबंधित बयालीस दोषों से मुक्त है, वह सूझता कहलाता है, जिसे साधु ले सकते प्रश्न २. कस्टर्ड जिसमें सचित्त अर्थात् बिना उबाले हुए फल, सब्जी (ककड़ी, धनिया, पौदीना, गाजर, प्याज मिश्रित) क्या सूझता होता उत्तर-नहीं होता। वह असूझता रहता हैं क्योंकि कस्टर्ड में डालने मात्र से वनस्पति काय अचित्त नहीं होती। प्रश्न ३. रायता आदि में बिना उबाले हुए ककड़ी-धनियां आदि सब्जी डाली हुई हो और छमका दिया गया हो तो वह सूझता या असूझता? - उत्तर-असूझता क्योंकि छमके से उनके अचित्त होने जितना ताप उत्पन्न नहीं होता। प्रश्न ४. बिछौना-गद्दी आदि के स्पर्श होता हो तो क्यों नहीं बहराना चाहिए? उत्तर-क्योंकि उस रुई में कपास का बीज हो सकता है किन्तु यदि तीन वर्ष पुराना बिछौना हैं या पिंजी हुई रुई से बना है तो सूझता होता है। प्रश्न ५. बरसात के छींटे लग गये हो या कच्चे पानी से स्नान किया हुआ हो, हाथ धोकर आए हो तो वह व्यक्ति कितनी देर में सूझता माना जाता है? उत्तर-हाथ सूखने पर अन्यथा दस मिनट के बाद सूझता माना जाता है। प्रश्न ६. प्रासुक पानी असूझता कैसे होता है ? उत्तर-इसका एक कारण यह है-जब गृहस्थ मटकी के नीचे कोई बर्तन, कुंडा, धामा आदि रखकर फिर उसमें कच्चा पानी छानते हैं तब छानते समय Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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