Book Title: Sadhwachar ke Sutra
Author(s): Rajnishkumarmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 161
________________ १४४ अन्तर्धान, कामरूपित्व आदि और भी कई लब्धियां मानी गई हैं । ' प्रश्न ५. साधु के कितनी प्रतिमाएं होती है ? उत्तर - १२ प्रतिमाएं । प्रश्न ६. प्रतिमा का अर्थ क्या है ? आगमों में कौन-कौनसी प्रतिमाएं उल्लिखित हैं ? उत्तर - प्रतिमा का अर्थ प्रतिज्ञा है । शास्त्रों में समाधिप्रतिमा विवेक - प्रतिमा, उपधानप्रतिमा, प्रतिसंलीनताप्रतिमा, एकलविहार- प्रतिमा, चन्द्रप्रतिमा, यवमध्यप्रतिमा, वज्रमध्यप्रतिमा, भद्रप्रतिमा, महाभद्रप्रतिमा, सुभद्रप्रतिमा, सर्वतोभद्र श्रुतप्रतिमा, चारित्रप्रतिमा, वैयावृत्त्यप्रतिमा, सप्तपिण्डेषणाप्रतिमा, सप्तपानैषणाप्रतिमा, कायोत्सर्गप्रतिमा, आदि-आदि अनेक प्रतिमाओं का उल्लेख है । ३ प्रश्न ७. प्रतिमाओं का कालमान कितना निर्धारित है ? उत्तर - एक मास से लेकर सात मास तक सात प्रतिमाएं होती हैं । अर्थात् प्रत्येक प्रतिमा एक-एक मास की होती है। आठवीं नौवीं दशवीं ये तीनों प्रतिमाएं सात-सात दिन-रात की होती हैं। ग्यारहवीं एक दिन-रात की और बारहवीं केवल एक रात की होती है । * प्रश्न ८. क्या साध्वियां प्रतिमाएं धार सकती हैं ? साध्वाचार के सूत्र उत्तर- साध्वियां उपर्युक्त भिक्षु प्रतिमाएं नहीं धार सकतीं। लकुटासनउत्कटुकासन- वीरासन आदि आसन नहीं कर सकतीं। गांव के बाहर सूर्य के सामने हाथ ऊंचा कर आतापना नहीं ले सकतीं, उपाश्रय के अन्दर पर्दा लगाकर नीचे हाथ रख कर ले सकती हैं। अचेल एवं अपात्र (जिनकल्प) अवस्था नहीं धार सकतीं। प्रश्न ६. प्रतिमाओं का विधि विधान किस प्रकार है ? उत्तर - पहली प्रतिमा में एक दत्ति आहार की और एक दत्ति पानी की ली जाती है । यावत् सातवीं प्रतिमा में सात दत्ति आहार की एवं सात दत्ति पानी को ली जा सकती है। प्रतिमाधारी मुनि दूसरे श्रमण-ब्राह्मणादि के भिक्षा ले जाने के बाद गोचरी जाते है। दिन के तीन भाग करके किसी एक भाग में जाते हैं। पेटा अर्धपेटा आदि छह प्रकार की गोचरी में से किसी एक १. प्रवचनसारोद्वार द्वार २७० २. दसाओ ७/१ ३. भिक्षु आगम शब्द कोश भाग- २ Jain Education International ४. दसाओ ७/३ ५. बृहत्कल्प ५/१६ से २५ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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