Book Title: Sadhwachar ke Sutra
Author(s): Rajnishkumarmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 172
________________ वस्त्र और प्रतिलेखन प्रकरण १५५ प्रश्न ११. साधु अधिक से अधिक कितना वस्त्र एक साथ ओढ़ने के लिए प्रयुक्त कर सकते हैं? उत्तर-साधु ४५ हाथ तथा साध्वियां ६० हाथ से अधिक वस्त्र एक साथ ओढ़ने के लिए प्रयुक्त नहीं कर सकते। प्रश्न १२. साधु के चोलपट्टा व पछेवड़ी की लम्बाई-चौड़ाई कितनी होती उत्तर-चोलपट्टा लम्बाई पांच हाथ (एक हाथ २७ इंच अर्थात् साढ़े ६७ सेमी. के - बराबर होता है) यानी तीन मीटर साढ़े ३७ सेमी. और चौड़ाई डेढ़ हाथ चार अंगुल (एक मीटर आठ सेमी.), पछेवड़ी लम्बाई पांच हाथ चौड़ाई तीन हाथ (दो मीटर ढ़ाई सेमी.) से अधिक न करें।२। प्रश्न १३. साधु-साध्वी क्या जोड़े हुए वस्त्र पहन सकते हैं? उत्तर-तीन खंड तक जोड़ सकते हैं अधिक नहीं। इसी प्रकार वस्त्र फटने पर कारियां भी तीन से अधिक नहीं लगा सकते। वस्त्र की सिलाई भी साधु स्वयं करते हैं। गृहस्थ के पास सिलाने से प्रायश्चित्त आता है। १. मर्यादावली चौथा प्रकरण(अ)वस्त्र २ २. मर्यादावली चौथा प्रकरण(अ)वस्त्र १ ३. मर्यादावली चौथा प्रकरण(अ)वस्त्र ५ ४. निशीथ ५/१२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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