Book Title: Sadhwachar ke Sutra
Author(s): Rajnishkumarmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 168
________________ २१. चिकित्सा प्रकरण प्रश्न १. साधु-साध्वियों को औषधि के लिए निवेदन कैसे किया जा सकता उत्तर-अपने घर या दुकान आदि में यदि एलोपैथिक, होमियोपैथिक और आयुर्वेदिक औषधियां सूझती हो तो यह निवेदन किया जा सकता है। ___ हमारे यहां पर औषध उपलब्ध है आप कृपा करवाना। प्रश्न २. उपरोक्त औषध के अतिरिक्त क्या सामान्य वस्तुएं दवाई के रूप में काम में ली जा सकती है। उत्तर-आवश्यकता पड़ने पर सोंठ, पिसी हुई काली मिर्च, काला-नमक, हल्दी, पिसा हुआ धनिया, सिका हुआ जीरा, उकाली का पावडर आदि घरेलू दवाई भी काम में ली जा सकती है। प्रश्न ३. यदि अपेक्षित दवाई गृहस्थ के घर में न हो तो क्या करना चाहिए? उत्तर-उस समय अन्य घरों में अथवा दुकान में तलाश करनी चाहिए। कहीं हों तो साधु-साध्वियों को बताना चाहिए, खरीदकर या लाकर नहीं बहराना चाहिए। विशेष परिस्थितिवश क्रीत-आनीत लेने पर साधु-साध्वियों को प्रायश्चित्त लेना होता है। प्रश्न ४. क्या दवाई के रूप में अथवा अन्य किसी कारण वश साधु साध्वियों को जरूरत की वस्तु ठिकाने (प्रवास-स्थान) लाकर बहरा सकते हैं? उत्तर-नहीं बहरा सकते। केवल उन्हें बतला सकते हैं, वे स्वयं ही जाकर अपेक्षित वस्तु बहरते हैं। प्रश्न ५. क्या पक्का नमक, काला नमक, जीरा आदि भी पाडिहारिय ले सकते हैं? उत्तर-हां, दवा के रूप में ले सकते हैं। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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