Book Title: Sadhwachar ke Sutra
Author(s): Rajnishkumarmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 144
________________ गोचरी प्रकरण १२७ ___ यदि मान्यतानुसार कल्प स्थापित हो तथा वहां सहज वस्तु लाई गई हो तो उसकी गोचरी साधु कर सकते हैं? प्रश्न ६६. क्या एक ही स्थान पर हमेशा गोचरी की जा सकती है? उत्तर-एक ही परिवार की एक ही स्थान पर हमेशा गोचरी नहीं कि जा सकती है अलग-अलग परिवार यदि सेवा करने के लिए आते है, तो उस स्थान पर ___ अपने स्वयं की वस्तुओं की भावना भाने पर गोचरी की जा सकती है। प्रश्न ६७. व्यक्ति परिवर्तन से क्या अभिप्राय है? उत्तर-वस्तु के मालिक ने अपनी वस्तु दूसरे व्यक्ति को सौंप दी हो। प्रश्न ६८. किसी घर के द्वार पर या भीतर भिक्षाचर भिक्षा के लिए खड़ा हो तो क्या साधु उसको लांघकर घर के भीतर गोचरी जा सकता है ? उत्तर–भिक्षाचर हो या अन्य कोई मांगने वाला यदि द्वार पर या भीतर खड़ा हो तो साधु उसे लांघकर भिक्षा लेने भीतर नहीं जा सकता। यदि मांगने वाला कह दे तो साधु घर में प्रवेश कर सकता है। प्रश्न ६६. क्या साधु गर्भवती स्त्री के हाथ से भिक्षा ले सकता है? उसकी विधि क्या है? उत्तर-साधु गर्भवती स्त्री के हाथ से भिक्षा ले सकता है, उसकी विधि यह है-जब साधु घर में गोचरी जाए उस समय गर्भवती स्त्री बैठी हो और वह बैठी ही भिक्षा दे तो साधु ले सकता है, खड़ी होकर दे तो साधु नहीं ले सकता। यदि वह खड़ी हो और खड़ी ही भिक्षा दे तो साधु ले सकता है। बैठी या खड़ी जिस अवस्था में वह हो उसी अवस्था में भिक्षा दे तो साधु ले सकता है। प्रश्न ७०. ऐसा क्यों करते हैं? उत्तर-अहिंसा की दृष्टि से ऐसा करते हैं। उठने बैठने से गर्भस्थ शिशु को कष्ट होता है। दान देते समय किसी को कष्ट होना शुद्ध भिक्षा का एक दोष है इसलिए वह अकल्पनीय है। प्रश्न ७१. माता बच्चे को स्तनपान करा रही हो। उस समय बच्चे का स्तनपान छुड़ाकर साधु को बहराए तो क्या साधु ले सकता है ? उत्तर-स्तनपान छुड़ाने से बच्चे को पीड़ा होती है, अंतराय आती है। इसलिए साधु उसके हाथ से भिक्षा नहीं ले सकता। १. दसवे. ५/१/४०-४१ ३. दसवे. ५/१/४२-४३ २. दसवे. ५/१/४०-४१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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