Book Title: Rajkumari Chandanbala Diwakar Chitrakatha 011
Author(s): Saritashree  Sadhvi, Shreechand Surana
Publisher: Diwakar Prakashan

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Page 5
________________ राजकुमारी चन्दनबाला चम्पा की सेना ने डट कर कौशाम्बी की सेना का मुकाबला किया। किन्तु कौशाम्बी की सेना के आगे टिक न सकी और हार गयी। चंपा के राजा दधिवाहन भी युद्ध में लापता हो गये। कौशाम्बी की सेना ने चम्पा पर अपना कब्जा कर लिया और लूटपाट शुरू कर दी। एक सैनिक लूट के उद्देश्य से महल में घुस कर घूम रहा था तभी उसकी नजर रानी एवं राजकुमारी वसुमती पर पड़ी। उनकी सुंदरता देख उसका मन डांवाडोल हो गया। उन्हें साथ ले जाने के लिए उसने तुरंत एक बहाना बनाया और वह पास जाकर बोला- ला महारानी जी! मैं महाराज का 'सारथी हूँ। महाराज ने आप दोनों को वन में बुलाया है। वह दोनों को अपने साथ ले वन की ओर चल दिया। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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