Book Title: Rajkumari Chandanbala Diwakar Chitrakatha 011 Author(s): Saritashree Sadhvi, Shreechand Surana Publisher: Diwakar Prakashan View full book textPage 3
________________ N22 राजकुमारी चन्दनबाला Frh ന കാര്യം ന I 1 កកក 53004 h B ) TERCON चम्पानगरी के रामा दधिवाहन एवं महारानी धारणी की पुत्री राजकुमारी वसुमती राजभवन के उद्यान में रात को देखे अपने स्वप्न को याद कर चिन्तामग्न बैठी थी। उसे चिन्तित देख एक दासी महारानी के पास गयी। यह सुन महारानी एवं महाराज उद्यान में। वसुमती के पास आए। महारानी जी! राजकुमारी उद्यान में उदास सी बैठी हैं। 650 TyN 19-0 CHAILASSAGARSURIGYANMANDIR Jain Education International For Private & Personal use only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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