Book Title: Rajkumari Chandanbala Diwakar Chitrakatha 011 Author(s): Saritashree Sadhvi, Shreechand Surana Publisher: Diwakar Prakashan View full book textPage 4
________________ महाराज को आते देखकर वसुमती ने खड़े होकर उन्हें प्रणाम किया। माँ ने पूछा बेटी! क्या बात है ? तू उदास क्यों बैठी है? in Education International राजकुमारी चन्दनबाला मां, मैंने आज रात अंतिम प्रहर में एक बड़ा डरावना स्वप्न देखा है। ろっ 6 क्या स्वप्न देखा? बेटी! पिताजी! मैंने देखा कि चंपा तभी एक सीमा रक्षक ने उद्यान में आकर सूचना दी नगरी कष्टों में घिर गयी है। चारों ओर लूट-मार हो रही है। Mus 2 For Private & Personal Use Only महाराज! कौशाम्बी की सेना ने हमारे राज्य पर आक्रमण कर दिया है। Do Shash समाचार सुनते ही महाराज अत्यन्त चिन्तित हो गये। उन्होंने तुरन्त सेना को युद्ध के लिये तैयार होने का आदेश दिया। जी 68 do 600 des pony www.jainelibrary.org ROBIOLPage Navigation
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