Book Title: Rajkumari Chandanbala Diwakar Chitrakatha 011 Author(s): Saritashree Sadhvi, Shreechand Surana Publisher: Diwakar PrakashanPage 36
________________ वार्षिकसदस्यता फार्म मान्यवर, मैं आपके द्वारा प्रकाशित चित्रकथा का सदस्य बनना चाहता हूँ। कृपया मुझे निम्नलिखित वर्षों के लिए सदस्यता प्रदान करें। (कृपया बॉक्स पर का निशान लगायें) सदस्यता शुल्क डाकखर्च कुल राशि तीन वर्ष के लिये अंक 34 से 66 तक (33 पुस्तकें) 540/- 100 640 पाँच वर्ष के लिये अंक 12 से 66 तक (55 पुस्तकें) 900/- 150 1,50 दस वर्ष के लिये अंक 1 से 108 तक (108 पुस्तकें) 1,800/ 400 2,200 मैं शुल्क की राशि एम. ओ. ड्राफ्ट द्वारा भेज रहा हूँ। मुझे नियमित चित्रकथा भेजने का कष्ट करें। नाम (Name) (in capital letters)पता (Address). - पिन (Pin) .Amount M.O./D.D.No. .Bank. हस्ताक्षर (Sign.) नोट-. यदि आपको अंक 1 से चित्रकथायें मंगानी हो तो कृपया इस लाईन के सामने हस्ताक्षर करें कृपया चैक के साथ 25/- रुपये अधिक जोड़कर भेजें। पिन कोड अवश्य लिखें। • तीन तथा पाँच वर्षीय सदस्य को उनकी सदस्यतानुसार प्रकाशित अंक एकसाथ भेजे जायेंगे। चैक/ड्राफ्ट/एम.ओ. निम्न पते पर भेजें SHREE DIWAKAR PRAKASHAN A-7, AWAGARH HOUSE, OPP. ANJNA CINEMA, M. G. ROAD, AGRA-282 002. PH. : 0562-21511651 दिवाकर चित्रकथा की प्रमुख कड़ियाँ 1. क्षमादान 16. राजकुमार श्रेणिक 30. तृष्णा का जाल 2. भगवान ऋषभदेव 17. भगवान मल्लीनाथ 31. पाँच रत्न 3. णमोकार मन्त्र के चमत्कार 18. महासती अंजना सुन्दरी 32. अमृत पुरुष गौतम 4. चिन्तामणि पार्श्वनाथ 19. करनी का फल (ब्रह्मदत्त चक्रवर्ती) 33. आर्य सुधर्मा 5. भगवान महावीर की बोध कथायें 20. भगवान नेमिनाथ 34. पुणिया श्रावक 6. बुद्धि निधान अभय कुमार 21. भाग्य का खेल 35. छोटी-सी बात 7. शान्ति अवतार शान्तिनाथ 22. करकण्डू जाग गया (प्रत्येक बुद्ध) 36. भरत चक्रवर्ती 8. किस्मत का धनी धन्ना 23. जगत् गुरु हीरविजय सूरी 37. सद्दाल पुत्र 9-10 करुणा निधान भ. महावीर (भाग-1.2) 24. वचन का तीर 38. रूप का गर्व 11. राजकुमारी चन्दनबाला 25. अजात शत्रु कूणिक 39. उदयन और वासवदत्ता 12. सती मदनरेखा 26. पिंजरे का पंछी 40. कलिकाल सर्वज्ञ हेमचन्द्राचार्य 13. सिद्ध चक्र का चमत्कार 27. धरती पर स्वर्ग 41. कुमारपाल और हेमचन्द्राचार्य 14. मेघकुमार की आत्मकथा 28. नन्द मणिकार (अन्त मति सो गति) 42. दादा गुरुदेव जिनकुशल सूरी 15. युवायोगी जम्बूकुमार 29. कर भला हो भला 43.श्रीमद राजचन्द्र Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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