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11. अहिंसा की सही समझ--मुनि नथमल:-प्रस्तुत पुस्तक अहिंसा की अधूरी समझ के प्रत्युत्तर में लिखा गया वृहत्तर निबन्ध है । इसमें अहिंसा के विषय में उटने वाले प्रश्नों का प्रागम व तर्क के आधार पर समाधान दिया गया है।
12. जैन तत्व चिन्तन-मुनि नथमल:-प्रस्तुत पुस्तक में जैन दर्शन के विभिन्न पहलों वर्तमान के सन्दर्भ में विचार किया गया है ।
13. जैन धर्म बीज और बरगद--मुनि नथमल:-बीजावस्था में जैन धर्म एक और अविभक्त था। विस्तारावस्था में वह अनेक शाखाओं और प्रशाखाओं में विभक्त हो गया है। तेरापन्थ जैन धर्म की एक शाखा है। शाखा मूल से भिन्न नहीं होती, इसमें जैन धर्म और तेरापन्थ सम्बन्धी बहुविध सामग्री का संकलन है।
14. ज्ञान प्रकाश--मुनिधनराज (सरसा):-इस कृति में मतिज्ञान. श्रतज्ञान. अवधि ज्ञान, मनःपर्यय ज्ञान और केवल ज्ञान के भेद-प्रभेद तथा तत्सम्बन्धी सामग्री संकलित है। विषय की प्रमाणिक जानकारी के लिए प्रागमों के प्रमाण प्रस्तुत किए गए हैं अतः यह ग्रन्थ अनधित्सुत्रों के लिए बहुत उपयोगी है।
15. चारित्न प्रकाश-- मुनि धनराज (सरसा):-इस कृति में 9 प्रकाश पुज है। महावत, समिति, गुप्ति आदि मुनि धर्मों का विस्तृत विवेचन है ।
18. मोक्ष प्रकाश--मुनि धनराज (सरसा):--इस कृति में बारह पज है । इसमें मोक्ष के स्वरूप पर विशद प्रकाश डाला गया है। मोक्ष के साधक (निर्जरा) और बाधक (पाश्रव) आदि तत्वों का सुन्दर विवंचन हुआ है। प्रस्तुत ग्रन्थ में सर्व साधारण के उपयोगी कर्म सिद्धान्तों की जानकारी प्राप्त है।
17. जीवन -अजीव-मुनि नथमल:-इस कृति में पच्चीस बोल पर विस्तृत चर्चा की गई है। जैन दर्शन सम्मत गति, पर्याप्ति, प्राण, नौ तत्व, चारित्र आदि-आदि विषयों की प्रारंभिक जानकारी देने वाला यह ग्रन्थ जैन दर्शन का प्रवेश द्वार है।
18. लोक प्रकाश-मुनि धनराज (सरसा):-इस कृति में लोक की आकृति, स्वरूप तथा उसके आधार का विवेचन हुआ है। नरक, तिर्यन्च, मनुष्य और देवता के भेद-प्रभ द स्वरूप, आवागमन, जीवन विधि आदि प्रश्नों का जैन मान्यता के अनुसार समाधान दिया गया है।
19. ज्ञान वाटिका--मुनि छनमल:-प्रस्तुत पुस्तक में 21 कलिका (प्रकरण) है । इसमें ज्ञान, दर्शन, स्यादवाद, सप्तभंगी, प्राचार और इतिहास आदि जैन दर्शन सम्बन्धी सामग्री प्रश्नोत्तर के रूप में प्रस्तुत की गई है। बालकों को तत्व ज्ञान में प्रवेश कराने के लिए यह पस्तक उपयोगी है ।
20. श्रावक धर्म प्रकाश--मुनि धनराज:-प्रश्नोत्तरात्मक प्रस्तुत कृति श्रावक धर्म के 12 व्रतों का सरल भाषा में विवेचन देती है। श्रावक की पडिमाएं, संलेखना करने की विधि श्रावक की दिनचर्या व तीन मनोरथ तथा चार विश्रामों पर भी पुस्तक प्रकाश डालती है।
21. नई समाज व्यवस्था में दान-दया-मुनि नगराज:-प्रस्तुत पुस्तक में दान-दया का तार्किक और बौद्धिक स्तर से वर्णन किया गया है।
22. तत्व प्रवेशिका--सं. मुनि मधुकर:-जैन तत्वों में प्रवेश करने वाले विद्यार्थियों के लिए कन्ठस्थ करने योग्य सामग्री संकलित है ।