Book Title: Rajasthan ka Jain Sahitya
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Devendraraj Mehta

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Page 542
________________ नाम सिंह (सिद्ध) सिंह गणी 96,157 143 सिद्धराज जयसिंह 102 सिद्धराज ढढ्ढा 297 पृष्ठांक faaf 55, 58, 63,76 सिद्धसेन, सिद्धसेन दिवाकर 8, 12, 19, 20, 23,56,84,85,91 सिद्धसेन सूरि सिद्धिचन्द्र गणि सिरियादेवी 67 सील्हा 149 सुकन मुनि 307 सुखसंपतराय भंडारी 292 सुखसागर 179,285, 286 सुखलाल झाबक सुखा ऋषि 192 सुगुणचन्द 230 सुजड साहू सुजाण मल सुजानदे 220 सुजानमल 188. 296 सुगनचन्द 225 सुगनजी (सुमतिमण्डन) 233,283,284 160 185 10 142 सुन्दरदास 220. सुन्दरदेवी 186. सुधर्मा 4. सुसुद्रा देवी 185. सुभाष मुनि 305 सुमतिकल्लोल 175. सुमतिधीर 67. सुमतिमेरु वाचक 278. सुमतिरंग 176, 178. सुमतिवर्धन 78. सुमतिवल्लभ 179. सुमतिवाचक 26. सुमतिविजय 77. सुमतिसागर महोपाध्याय 71, 287. सुमतिहंस 73, 143. सुमेरमुनि 307. सुलतान कुमार 67. सुलतान मोहम्मद तुगलक 42. सुहड प्रभ 146. सुहादेवी 146. सुशीला बोहरा 339. सुश्री सुशीला बैर 362 487 नाम पृष्ठांक सूरचन्द्रोपाध्याय 70, 77, 80, 119, 120, 175, 230. सूरजचन्द डांगी 338. सूरजचन्द 'सत्यप्रेमी' 307. सूराचार्य 63. सूर्य मुनि 307. सूहवदेवी 64. सेवक 219. सेवाराम पाटनी 213, 214. सोमकीर्ति 97. सोमकीर्ति भट्टारक 95 सोमकुंजर 77 सोखू 67 सोमचन्द्र 161. atafat 12, 72, 80. सोमप्रभाचार्य 14,60 सोमराज श्रेष्ठि 50, 98. सोमविमलसूरि 229. सोमसुन्दरसूरि 142, 170,228. सोमसेन 99. सौभाग्य मुनि 'कुमुद' 307, 335. स्थूलभद्र 2. स्वयंभू 127 128, 135, 144, 145, 152 स्वरूप चन्द मुनि 225. ह हजारीमल श्रमण 45. हनुमानमल बोथरा 307. हरकचन्द स्वामी 244. हरकू बाई 195. हरगोविन्ददास त्रि. सेठ 16. हरचन्दराय 193 हरजी 299. हरदेव 150. हरपाल 147. हरराज श्रीमाल 177. हरिदास 181. हरिभद्रसूरि 8, 9, 10, 12, 13, 15, 17, 19, 20, 23, 24, 30, 33, 39, 41, 56, 57, 58, 60, 61, 62, 84, 85, 136, 162, हरिषेण 144, 145, 146, 152

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