Book Title: Rajasthan ka Jain Sahitya
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Devendraraj Mehta

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Page 541
________________ 486 पृष्ठांक पृष्ठांक नाम नाम श्रीमती सुशीला कासलीवाल 323,361 सर्वदेवसूरि 75 362 सलखण 99 श्री मती स्नेहलता जैन 362 सवाई जयसिंह 115 श्री रानी 99 सवाईराम 225 श्रीवन्त रीहड 67 सहजकीत्ति उपाध्याय 69,77,79,80,175 श्रीवल्लभोपाध्याय 67,69,76,77,123 सहजसुन्दर 173 124 साधु कीति 174,219 श्रीसार 76, 175,273 साधुरंग 23, 74 श्रीसुन्दर 175 साधुरत्न सूरि 2280 श्रीसोम 179 साधुसुन्दर 79 श्रुतसागर 36 साधुहंस 169 साध्वी उमराव कुंवर 262,266,335,365 , कनकप्रभा 313 कनकश्री 94 , कमलश्री 91,315 चन्दना 264 संघकलश 171 छगन कंवर 336 संघतिलकसूरि 12 जयश्री 315 संघदास गणि क्षमाश्रमण 10,13,14 निर्मल कंवर 336 संघपति डूंगर 205 पुष्पवती 336 संघविमल 171 प्रमोदश्री 292 संपतराज डोसी 338 प्रेमश्री 292 सकलचन्द्र गणि 68 फूलकुमारी 94 सज्जन उपाध्याय 42 बुद्धिश्री 292 सत्यदेव विद्यालंकार 345 मंजुला 85,91,313,314,353 सत्यरत्न 179 मंनासुन्दरी 236,335,336 सन्त सुमतिकीर्ति 211 , मोहन कुमारी 94 सबलदास 186 याकिनी महत्तरा 62 सभाचन्द्र 233 रतन कंवर 336 समन्तभद्र 16,56,87,91 राजीमती 263,315,342,353 समयप्रमोद 175 लाडां 350 समयमाणिक्य 82 वल्लभश्री 292 समयराजोपाध्याय 175 विचक्षणश्री 297 समयसुन्दर 281 विनयश्री 292 समयसुन्दरोपाध्याय 43,60,68,74,75,76 संघमित्रा 90,91,314,350 77, 78, 79,80,81,82,143,172,175, सज्जनश्री 297 178,229,232,270,271 सरला 264 समरचन्द्रसूरि 174 , सुमनश्री 314 संयमसागर 215 , हीराश्री 292 संवेगदेव गणि 228 सारंग 143,175 सर सेठ मलचन्द सोनी 223 साराभाई नवाब 272 सरस्वती 99 साह समरा 171 सरह 130,139 साहिबराम 222 सरूपादेवी 186 साहु 160 सरूपावाई 195 साहुल 147

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