Book Title: Rajasthan ka Jain Sahitya
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Devendraraj Mehta

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Page 537
________________ 182 माम पृष्ठांक " सदर्शन यशोधवल 157 यशोवर्धन 178 यशोवर्धन मालू 64 यशोविजयोपाध्याय 23, 85, 176, 274 यास्क9 युक्ति अमृत मुनि 286 युगलकिशोर 323 योगीन्द्रदेव 13 नाम पृष्ठांक मुनि सुखलाल 312,346,350,352 352 मुनिसुन्दर 23 मुनिसुन्दरसूरि 171 मुनि सोहनलाल 91,92 " हरजीमल 186 को हीरालाल 332 " हेमराज 243 मुहम्मद तुगलक 65 मूलकचन्द 224 मलचन्द कोठारी 245 मूलमुनि 305 मेघराज 229 मेघराज चोपड़ा 67 मेघविजयोपाध्याय 23,59,60,70,76, 23,59,60,70,76, 120,121,124,176 मेरुतुंगसूरि 228 मेरुनन्दन गणि 79,169 मेरुसन्दरोपाध्याय 79,229 मेवाड़भूषण प्रतापमल 305,334 मेहा कवि 170 मोडीराम 294 मोहनलाल दुलीचन्द देशाई 167,171 मोहनलाल समदड़िया 182 मोहनविजय 282 रइधू 152, 154, 155 रघुनाथ 113 रघुपति 280 रंगमुनि 307 रजतमुनि 307 रणमल 160 रणहस्तिन् वत्सराज 28 रतन चोरडिया 339 रतनलाल संघवी 264, 338 रत्नऋषि 327 रत्नकुंवर 197 रत्नकुमार जैन 'रत्नेश' 307, 338 रत्नचन्द 217 रत्नचन्द्र 186 रत्नचन्द्र अग्रवाल 297 रत्नजय (नरसिंह).231. रत्नधीर 233 रत्नपाल ताम्बी 65 रत्नरंगोपाध्याय 172, 229 रत्नराज गणि 281 रत्नवल्लभ 178 रत्नविजय 287 रत्नविमल 179 रत्नशेखरसूरि 12, 15, 16, 17, 37 रत्नसमुद्रोपाध्याय 173 रत्नसिंहसूरि 168 रत्नहर्ष 273 रमेशमुनि 262, 305, 307, 334, 335, 366 रम्भाजी 187, 196 रम्भादेवी 251 रल्हण 97, 157 यति देवीहंस 290 है नेमिचन्द्र 291 " पन्नालाल 233 , बख्तावरचन्द 291 बालचन्द्र 283 माणिक्यरुचि 291 वृषभ 11,17 ,. श्रीपाल 233 . श्रीपालचन्द 284 यतीन्द्रसरि 289 यशःकीति 161 यशःसागर 70 यशपाल 147 यशस्वत्सागर (जसवन्तसागर)70,80 यशोदेवसूरि 13

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