Book Title: Rajasthan ka Jain Sahitya
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Devendraraj Mehta
View full book text
________________
नाम
जिनरत्नसूरि ( प्र . )
(द्वि.)
77
जिनराजसूरि ( प्र . ) (f.)
37
जिनलाभसूरि 179
जिनवर्धनसूि 65, 67, 80, 172, 179 जिनवल्लभ गणि । 11, 13, 22, 42, 63
76, 161, 162, 226 176
41, 80
179
65, 66,67 61, 68, 175, 176,
271, 277
पृष्ठांक
विज
जिनसमुद्रसूरि जिन जागरसूरि जिनसिंहसूर जनसुखसूरि जिनसुन्दरसूरि जिनसूरि 228 जिनसेन 47, 48
जिनहंससूरि 67, 74 जिनहरिसागरसूरि 288
जिनहर्ष ( जसराज ) 143, 176, 178,230,
231, 274, 278.
23
33
67, 73, 143, 176, 177 73, 228 65, 67, 175
179
179
जिनहर्ष गणि 23, 77, 78, 123 जिनहर्षसूरि 27
जिनेन्द्र मुनि 307,
जितेश्वरसूरि ( प्र . ) 21, 25, 26, 31, 32,
41, 42, 63, 74, 75, 78,
80
(द्वि.) ( कूर्वपुरीय)
169
473
64, 65, 74, 168
63
जीतमल 185
297
जीतमल चोपड़ा 307 जीतमल लूणिया जीत नल स्वामी 200 जीत मुनि 289 जीवनराम
191
जीवनलाल 320 1
जीवराज 79, 175, 180, 192, 299
जीवराज बडजात्या 225
जेठमल जौहरी
194 जैन दिवाकर चौथमल 193, 262, 266,299, 300, 304, 305, 325
जोइंद 138
नाम
जोगीदास 251 जोगीदास मथेन
जोधराज कासलीवाल 213 जोधराज गोदीका
278
जोशीराय मथेन ज्ञानकीत्ति 179, 215 ज्ञानचन्द्र 232, 255 ज्ञान तिलक ज्ञाननिधान ज्ञानप्रमोद ज्ञान भारिल्ल ज्ञानमेरु 81 ज्ञानविमलोपाध्याय ज्ञानविलास 176
278
178, 276
232
176
झगडू 218 ] झुमरमल खटेउ
217, 218
पृष्ठांक
261, 364, 365
69, 79, 81
ज्ञानसार 179, 233, 281 ज्ञानसुन्दर 175
ज्ञानसुन्दर ( देवगुप्तसूरि ) 286
झ
245
ट
टीकम 211
टेकचन्द जैतावत 1915 टेकचन्द्र 213
5
ठ. अरडक्कमल 66
ठ. जैसल छाजहड 65
ठ. भीषण 66
ठ. सहस्र मल्ल 66
ठक्कर फेरु 16, 17, 23, 44,66 ठक्कुरसी 205 ठाकुर 209
Page Navigation
1 ... 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550