Book Title: Rajasthan ka Jain Sahitya
Author(s): Vinaysagar
Publisher: Devendraraj Mehta
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पृष्ठांक
479 नाम
पृष्ठांक भगवतीदास 161
भट्टारक सोमीति 207 भगवती मनि 'निर्मल' 262,263,307, , हरिभूषण 159
334, 366 भद्रबाहु 2,6,7,8,9,13,363 भगवानसागर 288
भद्रसार 273 भगवान महावीर 1, 2, 4, 47, 55
भद्रसेन 272 भट्टारक उदयचन्द्र 156
भद्रेश्वरसूरि 13 जगत्कीर्ति 115, 212
भरतमुनि 127, 134, 144 जिनचन्द्र 51, 52, 113, 151, 15-1, भंवरलाल नाहटा 264,267,294,295 ज्ञानकीर्ति 109
भंवरलाल पोल्याका 361 ज्ञानभषण 108, 109, 110, 111,
भंवरी देवी रामपुरिया 264 151, 158, 206
भविलाल 224 देवेन्द्रकीति 108, 115. 119, 220 भाण जी
180 धर्मकीर्ति 160
भानु चन्द्र गणि82, 142 धर्मचन्द्र 102, 112
भामह 128 नरेन्द्रकीर्ति 114, 159. 160, 215 भारमल राजा 37 नेमिचन्द 225
भारवि 60, 118 पद्मनन्दि 102, 103,104, 159 भावदेवसूरि 174, 269 प्रभाचन्द्र 102,151,154,159 भावप्रमोद
80 बालचन्द्र 151
भावविजय 74 भवनकीर्ति 108
भास्कराचार्य 16 भानुकीर्ति . 11:
भीखण जी 233 भुवनकीति 104,109,158,160,206 भीखुही 113 महीचन्द्र 215
भीम जी 245 रत्नकीति 102, 108, 151. 159 भीमसिंह नृपति 64 160, 208
भीमसिंह रावल 68 रत्नचन्द्र (द्वि) 215
भुवनकीर्ति 175, 176 रामसेन 214
भुवनसेन 179 लक्ष्मीचन्द्र 210
भूतबलि 2, 10, 47 वादिभूषण 210
भूधर चोरडिया 194 विजयकीति 110,111, 150,158 भूधरदास 216, 217, 221 207
भूरसुन्दरी 196 विजयसेन 207
भूरामल 115 विद्यानन्दि 159
भूरामल छाबडा 359 विमलेन्द्रकीर्ति 109
भूरेलाल बया 297 विशालकीर्ति 149, 160
भैया भगवतीदास 217 वीरचन्द्र 108, 149,208,210
भैरुदान नाहटा 295 शुभचन्द्र 51,104,110,111,154,
भैरुलाल 192 207
भैरवलाल सेठी 362 (द्वि) 215 श्रीभूषण 112
श्रुतकीर्ति 145 , सकलकीर्ति 103, 104,105,107,
108, 203 204, 210, 214, मखनूम महमूद शेख काजी 68 सकलभूषण 104, 114
मगन मुनि 191 , सुरेन्द्रकीर्ति 115, 214, 215, 218 मगन मुनि 'रसिक' 307
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