Book Title: Raipaseniya Suttam
Author(s): Bechardas Doshi
Publisher: Gurjar Granthratna Karyalay
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रायपसेणइय सुचनो
सार
॥६२॥
[६७] वळी, ए देवकुमारो अने देवकुमारीओ बीजुं नाटक भजवी बताववा पूर्व जणावेली रीते एकसाथे एक हारमा भेगां थई गावा नाचवा अने वाजां वगाडवा लाग्यां तथा ए अद्भुत देवरमतमां मशगुल बनी गयां. ____ आ बीजा नाटकमां तेमणे श्रमण भगवान महावीरनी सामे आवर्त प्रत्यावर्त श्रेणि प्रश्रेणि स्वस्तिक पूस माणवग वर्धमानक मत्स्याडक मकरंडक जार मार पुप्पावली पद्मपत्र सागरतरंग यासंतीलता अने पद्मलताना अभिनयो करी देखाडी बीजुं नाटक पूरे कयु.
[६८] पछी श्रीजु नाटक भजवी बतावचा मेगां थयेला ते देवकुमारो अने देवकुमारीओप श्रमण भगवान महावीरनी सामे ईहामृग बळद घोडो मानव मगर विहग-पक्षी व्याल किन्नर रुरु शरभ चमर कुंजर वनलता अने पालताना अभिनयो करी देखाड्या.
[६९] चोथु नाटक देखाडतां ते देवकुमारो अने देवकुमारीओए श्रमण भगवान महावीरनी सामे एकतश्चक्र द्विधाचक्र एकतश्चक्र वाल द्विधाचक्रवाल पम चक्रार्ध अने चक्रवालनो अभिनय भजवी बतान्यो.
[७०] पांच, नाटक भजवतां तेमणे आवलिकाओनो अभिनय कर्यो. पमा पमणे चंद्रावलिका वलयावलिका हंसावलिका सूर्यावलिका एकावलिका तारावलिका मुक्तावलिका कनकावलिका अने रत्नावलिकाओना देखावो करी बताव्या.
[७२] छट्टुं नाटक शरू करतां तेमणे उद्गमनोना पटले चंद्र ऊगवानां अने सूर्य ऊगवानां दृश्यो खडां कीं..
[७२] सातमा नाटकमां आगमनना अर्थात् चंद्रना आगमनना अने सूर्यना आगमनना देखावो करी बताववामां आव्या. 'क नौ छे एटले ए आकृति प्रमाणे गोठवाईने जे अभिनय करी बताववो ते 'क' नी आकृतिनो अभिनय गणाय. ए ज प्रमाणे लिपिसम्बन्धी बीजा बधा अभिनयो विशे समजी लेवू. छेल्लो बत्रीशमो अभिनय भगवान महावीरनी जीवन घटनाना मुख्य मुख्य प्रसंगोने लगतो छे. आ बधुं| जोतां ते समयनी अभिनयकळाना परमप्रकर्षनो ख्याल आवे छे अने ते प्रत्येक अभिनयनी उपयोगिता पण समजाय एबुं छे. भगवतीसूत्रमा पण सूर्याभदेवे करी बतावेला अहीं जणावेला अभिनयोनो उल्लेख छे. ते माटे जुझो भगवतीसूत्रनो मारो अनुवाद-खंड २, पृ० ४३ नुं टिप्पण.
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