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रायपसेणइय सुत्तनो
सार
घणांय पापकर्मोमाज राच्यो रहेनो तमारा कहेया प्रमाणे तो ए पापी मारो दादो काळ आवतां मरण पामी कोई एक नरकमां नैरयिक जीव अने थयो होवो जोईए. हे भंते ! केम खलं ने ?
शरीर भिन्न वळी, ए मारा दादानो हुं बहालो पौत्र छु, तेने मारा पर घणुं हेत हतुं, हुं तेनो विशेष लाडीलो-मानीतो हतो, तेनुं हृदय मने || | भिन्न होय जोईने विशेष आनंद पामतुं. वधारे शुं, पण माझं नाम सांभळीने पण तेओ पोतार्नु अहोभाग्य मानता.
तो मारो हवे, हे भंते! तमारा कहेवा प्रमाणे जीव अने शरीर जुदां जुदां होय तो मारा दादा नरकमां गया होवा जोइए. वळी, मारा ५ दादोपापी दादाने मारा उपर घणं हेत हतं तेथी तेमणे अहीं मारी पासे आवीने एम जणायवु जोईए के "हे पौत्र! हूं तारो दादो हतो पण
होईने नरके अधार्मिक होवाने कारणे में घणां पापो आचरेला, तेथो हुँ नरकमां पड्यो छु. माटे, हे पौत्र! तुं लेश पण पाप न आचरजे अने
गएलो, ते प्रामाणिकपणे देशनो कारभार करजे. पापकर्ममां पड़ीश तो मारी पेठे नरकमां जईश-नरकनी यातनाओ बहु भयंकर छे, माटे भूल्ये
मने हजु चूक्ये जरा पण पापाचरण न सेवीश."
सुधी केम भंते ! मारो दादो मारी पासे आवीने उक्त रीते कहे, तो जीव अने शरीर जुदां जुदां छे एवी मारी श्रद्धा थाय, पण अत्यार-10 सुधीमां मारे दादे अहीं मारी पासे आचीने पवु कशुंय कहेलु नथी, तेथी हुँ एम समर्नु छ के तेमनो जीव अने शरीर प बन्ने साथे ज
काई खबर नाश पामी गयां छे अर्थात् मारा दादाना देहने देन देतांनी साथे तेमनो जीव पण अहीं बळी गयो छे तो परलोकमां जाय ज कोण ?
आपवान
आव्यो ? अने पम छे माटे ते अहीं आवी पण क्याथी के ? अने आम छे मारे जीव अने शरीर बन्ने एक ज छे-जे जीव छे तेज शरीर छे-ए मारी प्रतिज्ञा सुप्रतिष्ठित छे.
आम कही
जीव अने कोई दुतने पण तेमणे मोका यो नहीं, माटे परलोक नथी एवी मारी श्रद्धा छे. अयपसेणइय सूत्रमा राजा पएसीए पोताना दादानुं दृष्टान्त २०ी आपीने जे हकीकत कहेली छे तेज हकीकत दीघनिकायमा राजा पायासिए पोताना मित्रोन उदाहरण आपीने कहेली छे. वळी, नरकमाथी न
अभिन्नता आवी शकवानु जे कारण रायपसेणइयसूत्रमा बतावेलुं छे ते ज कारण दीघनिकायमा पण कहेलुं छे. जुओ दीघनिकाय भाग२ पायासिसुत्तंत पृ० ३२०..
कहे छे.
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