Book Title: Pratishtha Saroddhar Author(s): Ashadhar Pandit, Manharlal Pandit Publisher: Jain Granth Uddharak Karyalay View full book textPage 6
________________ Hone इस ग्रंथके साथ प्रतिष्ठासारसंग्रहका भी कुछ भाग लगादिया है । तथा समयके अनुकूल विषयसूची, मंत्रसाधनके समय आवश्यक चीजोंका नकशा, और मंत्रव्याकरणके कुछ नियमोंको बतलानेवाले श्लोक भी लगादिये गये हैं कि जिससे कर्णपिशाचिनी आदि विद्याके साधने में सफलता हो । मंत्र सिद्ध करनेकी विस्तारसे विधि मंत्रसंग्रह में बहुत अच्छी तरहसे बतलाई जावेगी । इस ग्रंथके उद्धार में श्रीमान् सेठ भैरूंदानजी लाडनूं निवासीने जो पचास रुपये भेजकर सहायता की है, इस अपूर्व उपकारके हम बहुत आभारी होके कोटिशः धन्यवाद देते हैं और आशा करते हैं कि इस तरह की आर्थिक सहायता देकर अन्य सज्जन भी जिनवाणीका प्रचारकर पुण्य उपार्जन करेंगे। अंत मैं यह प्रार्थना है यदि हमारे पाठकोंको इस ग्रंथसे संतोष हुआ और सहायता मिली तो अष्टांग - निमित्तसंग्रह तथा मंत्रसंग्रह आदि अपूर्व ग्रंथ भाषा| टीका सहित प्रकाशित करके उपस्थित करूंगा । शुद्ध प्रति न मिलनेसे कहीं अशुद्धियां रह गई हों तो पाठक महाशय मुझपर क्षमा करें। जब शुद्ध प्रति मिलजावेगी तब शुद्धिपाठ छपाकर भेजदिया जावेगा। इसतरह प्रार्थना करता हुआ इस प्रस्तावनाको समाप्त करता हूं । अलं विज्ञेषु । खत्तरगली हौदावाडी पो. गिरगांव - बंबई जेठ वदि १३ वीर सं० २४४३ जैनसमाजका सेवक मनोहरलाल पाम (मैंनपुरी) निवासी 000000000000000000Page Navigation
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