Book Title: Prashnavyakaran Sutram
Author(s): Kanhaiyalalji Maharaj
Publisher: Jain Shastroddhar Samiti

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Page 12
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रीमान सेठसाहेब श्री मुकनचन्दजी बालियाजीका संक्षेपमें जीवनचरित्र श्रीमान् सेठ साहब श्री मुकनचन्दजी साहब पाली ( मारवाड़ ) के निवासी थे। आपका शुभ जन्म संवत् १९४० फाल्गुन कृष्ण पक्षक रविवारको हुआ था।आपका पवित्र वंश सदा धर्मशील, विद्याप्रेमी और उदारचरित रहा है । आपके परम पूज्य पितामह श्रीमान् सेठ सा. श्रीपूनमचन्दजी साहब बालिया थे। सेठ सा. श्रीपूनमचन्दजी साहब वालिया के दो पुत्र थे, एक श्री राजारामजी साहब और दूसरे श्रीअगरचन्दजी साहय । आगे चलकर श्रीमान सेठसा. श्री राजारामजी सा.के श्री ताराचन्दजी साहब और श्रीमुकनचन्दजो साहब करके दो पुत्र थे, किंतु अगरचन्दजी सा. के पुत्र नहीं था। इसी लिए श्रीमान् अगरचन्दजीसाहयने अपने भाई के ही पुत्र श्रीमुकनचन्दजी सोहबको दत्तक (गोद) ले लिया। श्रीमान सेठ साहब श्री मुकनचन्दजी शुरु से ही बड़े होनहार, धर्मशील और उदार थे। सौभाग्य से आपकी धर्मपत्नी श्रीमती श्री सुगनकुंवर घाईजी भी धर्मशीलता एवं उदार व्यवहार में आपके ही समान थीं श्रीमती श्री मुगनकुंवर घाइजी की धर्मश्रद्धा का सु प्रभाव आज भी आपके कुटुंब पर अच्छी तरह दिखाई देता है।आप दोनों ने धर्म के दीपक से न केवल अपने परिवार को ही प्रकाशित किया है, किंतु जीवन में अपने संपर्क में आनेवाले सभी धर्म प्रेमी जिज्ञासुओं को धर्म श्रद्धालु बना ने का पवित्र कार्य किया है। यों सेठ साहब श्री मुकनचन्दजी सा. बड़ी सरल प्रकृति के सज्जन थे। व्यापार आपका समुद्रपार अनेक देशों में फैला हुआ था । आपकी जमींदारी भी खूब थी ।आपके रहन-सहन और व्यवहार से सदा सादगी टपकती थी । जितने आप For Private And Personal Use Only

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