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पाठ 9
अहं/हं/अम्मि
=मैं
णच्च-नाचना
क्रियाएँ
हस हँसना, रूस= रूसना, जीव जीना
सय सोना, लुक्क छिपना,
जग्ग=जागना
विधि एवं प्राज्ञा
हं
हसमुहसामु/हसिमु/हसेमु
==मैं हंसू।
हं
ण च्चमु/णच्चामु/णच्चिमु/रणच्चेमु
=मैं नाचूं ।
हं
लुक्कमु लुक्कामु/लुक्किमु/लुक्केमु
=मैं छिपूं ।
अम्मि
1.
अहं/ह/अम्मि= मैं
उत्तम पुरुष एकवचन (पुरुषवाचक सर्वनाम) ।
2. जब किसी कार्य के लिए प्रार्थना की जाती है अथवा आज्ञा एवं उपदेश दिया जाता है
तो इन भावों को प्रकट करने के लिए विधि एवं प्राज्ञा के प्रत्यय क्रिया में लगाये जाते हैं।
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[ प्राकृत रचना सौरभ
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