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तृतीया एकवचन (संज्ञा)
वर्तमानकाल हसिज्जइ/आदि हसीअइ/आदि
नरिदेण/नरिदेणं
__ =राजा के द्वारा हंसा जाता है ।
कमलेण/कमलेणं
विप्रसिज्जइ/आदि विप्रसीअइ/आदि
=कमल द्वारा खिला जाता है ।
ससाए/ससाइ/ससा
जग्गिज्जइ/ग्रादि जग्गीअइ/ग्रादि
___ =बहिन के द्वारा जागा जाता है।
तृतीया एकवचन (सर्वनाम)
हसिज्जइ/आदि मइ/मए/मे/ममए
हसीअइ/आदि
=मेरे द्वारा हंसा जाता है।
तइतए/
तुमे/तुमए
हसिज्जइ/आदि हसीअइ आदि
=तुम्हारे द्वारा हंसा जाता है ।
तेण/तेणं
हसिज्ज इ/आदि हसीआइ/आदि
=उस (पुरुष) के द्वारा हंसा जाता है ।
ताए तीए
हसिज्जइ/ग्रादि हसीअइ/आदि
___ =उस , स्त्री) के द्वारा हँसा जाता है ।
तृतीया एकवचन (संज्ञा) विधि एवं प्राज्ञा
हसिज्जउ/हसिज्जदु नरिदेण/नरिदेणं
___=राजा के द्वारा हंसा जाए । हसीअउ/हसीअदु
कमलेण कमलेणं
विप्रसिज्जउ/विअसिज्जदु विप्रसीअउ/विप्रसीअदु
-कमल द्वारा खिला जाए।
प्राकृत रचना सौरभ ]
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