Book Title: Prakrit Rachna Saurabh
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 268
________________ अकर्मक क्रियाएं क्र.सं. क्रिया अर्थ बैठना उग उगना 70 उच्छल उच्छह उज्जम उछ 53. 53 उपज्ज उछलना उत्साहित होना प्रयास करना उठना उड़ना पैदा होना खुश होना विरत होना बैठना शान्त होना सांस लेना उल्लस 53 उवरम उवविस उवसम उस्सस कंद 33 78 78 11. 12. 13. 14. रोना 62 . कंप 53 5. 16. 17. कलह किलिस कील 18. 69 21. 78 कुल्ल खंज खय खास खिज्ज खिस खेड्ड खेल गज्ज गडयड गल कांपना कलह/झगड़ा करना दुःखी होना कीलना कूदना कूदना लंगड़ाना नष्ट होना खांसना अफसोस करना खिसकना क्रीड़ा करना खेलना गरजना गिड़गिड़ाना गलना 78 78 26. 27. 53 28. 71 29. 30. 61 प्राकृत रचना सौरम । [ 251 Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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