Book Title: Prakrit Rachna Saurabh
Author(s): Kamalchand Sogani
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 259
________________ क्रिया अर्थ प्रक/सक पृ. स. प्रक 53 भटकना घुम 62. ___ चर सक चखना चक्ख सक सक 119, 136 113 128 128 चित सक चिट्ठ प्रक 62 119 67. सक अक 68. चिरण चिराव चुप प्रक 69. 70. 71. 70 69 128,136 70 सक चुभ प्रक चुक्क सक 128 72. 69 प्रक सक सक 73. 74. 75. 76. 77. 78. 79. चेट्ट चोप्पड चोराव छज्ज छड्ड 119 128 77 119 प्रक सक चरना बोलना चिंता करना बैठना इकट्ठा करना देर करना टपकना त्याग करना भूल करना टुकड़ा-टुकड़ा करना प्रयत्न करना स्निग्ध करना चुराना शोभना छोड़ना ठगना छूटना क्षुब्ध होना/ब्याकुल होना स्पर्श करना छोड़ना छीलना जंभाई लेना जागना उत्पन्न करना जन्म लेना बूढ़ा होना जलना जागना जानना सूचना छल सक प्रक 80. 77 छन्भ प्रक सक 81. 82. सक 119 119 119 छुव छोड छोल्ल जंभा जग्ग 83. सक प्रक 84. 85. 86. जग 128 87. जम्म जर प्रक प्रक 88 89. जल अक 90. जागर प्रक सक 91. 92. जाण जिध 113 136 . सक 242 ] प्राकृत रचना सौरभ । Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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